रायपुर। लंबी जद्दोजहद के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की जाति तय हुई. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद जाति मामले की पड़ताल के लिए गठित हाईपाॅवर कमेटी ने अपनी जांच में पाया कि अजीत जोगी जिस कंवर जाति के तहत संवैधानिक पदों पर अपनी पात्रता साबित करते रहे, दरअसल वह फर्जी है. कमेटी ने माना कि जोगी कंवर जाति के नहीं हैं यानी जोगी आदिवासी नहीं है ! लेकिन सवाल उठता रहा है कि अजीत जोगी आदिवासी नहीं है, तो आखिर हैं क्या?
हाईपावर कमेटी अजीत जोगी की जाति के इस निष्कर्ष पर यूं ही नहीं पहुंच गई. निष्कर्ष देने के पहले कमेटी ने जोगी का पूरा इतिहास खंगाला. जोगी की कई पीढ़ियों की पड़ताल की. कमेटी ने अजीत जोगी की जाति का पता लगाने 104 सालों का रिकाॅर्ड खंगाला. तब जाकर मालूम चला कि जोगी अनुसूचित जनजाति वर्ग के हैं ही नहीं.
हाईपावर कमेटी ने अपनी रिपोर्ट जारी की, लेकिन रिपोर्ट की काॅपी सार्वजनिक नहीं हुई. चूंकि जोगी की जाति का मामला हाईप्रोफाइल मामला रहा, लिहाजा राजनीतिज्ञों, ब्यूरोक्रेट से लेकर हर तबका ये जानना चाहता था कि आखिर हाईपावर कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में किन तथ्यों के बूते ये साबित किया है कि अजीत जोगी आदिवासी नहीं है.
लल्लूराम डाॅट काॅम हाईपावर कमेटी की 16 पेज की रिपोर्ट को सबसे पहले सामने लेकर आया. यहां पढ़िए और जानिए की क्या कहती हैं हाईपावर कमेटी की रिपोर्ट-