न्यूयार्क : भारतीय मूल के ऑस्ट्रेलियाई गणितज्ञ अक्षय वेंकटेश को प्रतिष्ठित फील्ड्स मेडल से सम्मानित किया गया है. बता दें कि इस सम्मान को गणित के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार के तौर पर जाना जाता है. अक्षक के अलावा उनके साथ तीन अन्य विजेताओं को भी यह विशिष्ट मेडल प्रदान किया गया है, जिनमें कैंब्रिज विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कौचर बिरकर, बॉन विश्वविद्यालय में पढ़ाने वाले जर्मनी के पीटर स्कूल्ज और ईटीएच ज्यूरिख में इतालवी गणितज्ञ एलिसो फिगेली शामिल हैं.
15,000 कनाडाई डॉलर का नकद पुरस्कार…
ज्ञात हो कि ये अवॉर्ड हर चार साल में 40 साल से कम उम्र के उदीयमान गणितज्ञों को दिया जाता है. इस बार घोषित सभी विजेताओं को सोने का मेडल और 15,000 कनाडाई डॉलर का नकद पुरस्कार दिया गया है. हर साल कम से कम दो विशेषज्ञों को यह पुरस्कार दिया जाता है। इस बार चार लोगों को इस मेडल से सम्मानित किया गया है, जिनमें भारतीय मूल के वेंकटेश भी शाामिल हैं.
12 की उम्र में जीता मैथ ओलंपियाड…
बता दें कि वेंकटेश 36 साल के हैं और उनका जन्म दिल्ली में हुआ है.लेकिन जब वह दो साल के थे, तभी उनका परिवार ऑस्ट्रेलिया के पर्थ चला गया. वह स्कूल के समय से ही फिजिक्स और मैथ ओलंपियाड्स में हिस्सा लेते रहे. 11 साल की उम्र में उन्होंने फिजिक्स ओलंपियाड तो 12 साल की उम्र में मैथ ओलंपियाड जीत लिया था.
वेंकटेश ने 13 साल की उम्र में ही हाईस्कूल की पढ़ाई पूरी कर ली थी और फिर यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया से पढ़ाई क. 1997 में 16 वर्ष की उम्र में उन्होंने मैथमैटिक्स में फर्स्ट क्लास से ग्रेजुएशन की डिग्री ली.
20 की उम्र में किया पीएचडी…
वह केवल 20 साल के थे, जब 2002 में उन्होंने PhD कर ली. वह फिलहाल स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ा रहे हैं. गणित में मुख्य रूप से नंबर थ्योरी, अरिथ्मटिक जियोमेट्री, टॉपोलॉजी, ऑटोमॉर्फिक फॉर्म्स और एर्गोटिक थ्योरी में उनका काम है.
वेंकटेश को गणित के क्षेत्र में इससे पहले भी कई अवॉर्ड्स मिल चुके हैं, जिनमें ओस्त्रोवस्की प्राइज, इंफोसिस प्राइज, सलेम प्राइज और शास्त्र रामानुजन प्राइज भी शामिल हैं.