अजय नीमा, उज्जैन। आज श्रावण मास का आठवां और अंतिम सोमवार है। इसलिए सुबह से ही शिव मंदिरों में भक्तो का तांता लगा हुआ है। उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालु देर रात से कतार में लगे हुए है। सोमवार तडके 2.30 बजे मंदिर के पट खोले गए और 3 बजे भस्मारती शुरू हुई। जिसके हजारों श्रधालुओं ने दर्शन लाभ लिए। श्रावण मास भगवान भोलेनाथ का सबसे प्रिय माह माना गया है। मान्यता है कि श्रावण माह में शिव आराधना करने से सभी कष्टों से तुरन्त मुक्ति मिलती है।

श्रावण के अंतिम सोमवार के दिन आज महाकालेश्वर मंदिर में विशेष भस्मारती की गई। भस्मारती के पहले बाबा को जल से नहलाकर महा पंचामृत अभिषेक किया गया। जिसमें दूध, दही, घी, शहद व फलों के रसो से अभिषेक हुआ। अभिषेक के बाद भांग और चंदन से भोलेनाथ का आकर्षक श्रृंगार किया गया और भगवान को वस्त्र धारण कराये गए।

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पूर्व मंत्री ने किए दर्शन

इसके बाद भगवान महाकाल को भस्म चढ़ाई गई। भस्मिभूत होने के बाद झांझ-मंजीरे, ढोल-नगाड़े व शंखनाद के साथ बाबा की भस्मार्ती की गई। भक्त आज के दिन का विशेष इंतजार करते है इसलिए आज महाकाल के दरबार में सुबह से ही उत्साह और आनंद का माहौल है। वहीं भस्म आरती में पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह भी शामिल हुए। उन्होंने क्षेत्र की खुशहाली की कामना की।

महाकाल की सवारी

भादो मास में सोमवार को बाबा महाकाल की सवारी निकाले जाने की भी परंपरा है। इसलिए आज शाम को भगवान की सवारी भी निकाली जाएगी। मान्यता है कि अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए सवारी के रूप में राजा महाकाल नगर भ्रमण पर निकलते है। जहां बाबा की सवारी के दर्शन के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु सड़कों के किनारे घंटो इंतजार करते है और महाकाल की एक झलक पाकर अपने आप को धन्य मानते है।

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