नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा एमसीडी पार्षदों का भत्ता 300 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये प्रति बैठक करने का प्रस्ताव पारित किए जाने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में एक नया राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है. अभी ये राशि केवल तीन सौ रुपये प्रति बैठक थी, जिसे बढ़ाकर 25 हजार रुपये किया गया है. पार्षदों का भत्ता बढ़ाने का एलान करते हुए शैली ओबेरॉय ने कहा, ‘अभी तक पार्षदों को किसी भी एक्ट के तहत कोई सैलरी नहीं मिलती है, इससे उन्हें ऑफिस के खर्चों सहित अन्य कामों के लिए थोड़ी राहत मिलेगी.’
इसकी घोषणा करते हुए मेयर शैली ओबेरॉय ने कहा कि, सिविक सेंटर के सभागार में हाउस मीटिंग रखी गई थी. गुरुवार (31 अगस्त) को हुई मीटिंग में कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई, जिनमें से कई प्रस्ताव पास किया गये हैं. पार्षदों का भत्ता बढ़ाये जाने को लेकर उन्होंने कहा कि, ‘ये भत्ता पार्षदों की समस्याओं को ध्यान में रखकर बढ़ाया गया है. अभी तक पार्षदों को एक मीटिंग के लिए 300 रुपये का भत्ता दिया जाता था, इससे उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता था.’
शैली ओबेरॉय ने कहा कि, ‘300 रुपये के मिलने वाले भत्ते को बढ़ाकर 25 हजार रुपये प्रति मीटिंग कर दिया गया है.’ ये प्रस्ताव एमसीडी हाउस के सदन ने पास कर दिया है. हालांकि इसके लिए एक शर्त रखी गई, पार्षदों को महीने में एक लाख रुपये से अधिक भत्ता नहीं मिलेगा.’ जब मेयर शैली ओबेरॉय से सवाल किया गया कि, ‘पार्षदों को बढ़े हुए भत्ते का लाभ कब से मिलेगा?’
इस पर उन्होंने कहा कि डीएमसी एक्ट के तहत सारे संवैधिनक नियमों को फॉलो करते हुए ही भत्ता नियम दिया जायेगा. फिलहाल ये सदन से पारित हो गया है. अब ये फाइल यूडी और एलीजी कार्यालय में फाइल जायेगी, वहां से पास होने के बाद ही इसका लाभ पार्षदों को मिलेगा.
दिल्ली नगर निगम के पार्षदों को सांसद या विधायकों की तरह हर महीने मासिक सैलरी नहीं मिलती है. अभी तक चुने हुए पार्षदों को प्रति मीटिंग तीन सौ रुपये मिलते थे. पार्षदों की ये मीटिंग हर महीने पांच से छह या उससे ज्यादा मीटिंग भी हो जाया करती हैं. सदन के नए प्रस्ताव के बाद जल्द ही उन्हें प्रति मीटिंग 25 हजार रुपये मिलने की संभावना है. इसके अलावा पार्षदों को सालाना एक करोड़ रुपये का फंड मिलता है. ये फंड उन्हें अपने क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए मिलता है.