कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले है। इसी कड़ी में कांग्रेस के कब्जे वाली ग्वालियर पूर्व, ग्वालियर दक्षिण और भितरवार विधानसभा सीटों पर बीजेपी के टिकिट के दावेदारों की फौज खड़ी हो गई है। वहीं इन सीटों को जीतना बीजेपी के लिए जितना मुश्किल है उससे ज्यादा मुश्किल इन सीटों पर प्रत्याशियों को टिकट बांटना है।

बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के लिए अपनी कमर कस ली है, लेकिन ग्वालियर की पूर्व, दक्षिण और भितरवार विधानसभा सीटों पर टिकिट के दावेदारों की भारी तादाद हो गई है। ऐसे में भाजपा के लिए इन तीन सीटों पर टिकिट बांटना चुनौती होगी। जानते है इन सीटों के दावेदारों के बारे में।

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ग्वालियर दक्षिण सीट
भाजपा के नारायण सिंह, जयभान सिंह पवैया, अनूप मिश्रा, समीक्षा गुप्ता, सहित 12 लोग दावेदारी कर रहे।

ग्वालियर पूर्व सीट
भाजपा के मुन्नालाल गोयल, माया सिंह, जय सिंह कुशवाह, अनूप मिश्रा लगभग 10 से ज्यादा दावेदार हैं

भितरवार सीट
मोहन सिंह राठौड, लोकेंद्र पाराशर ,बृजेंद्र तिवारी, अशोक पटसरिया सहित 12 से ज्यादा लोग दावेदारी कर रहे हैं।

इन 3 सीटों पर बीजेपी के 50 से अधिक दावेदार सामने आने के बाद कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि ग्वालियर में भाजपा तीन खेमों में बंट गई है, खुद सीटे बचाने अमित शाह को बार-बार ग्वालियर आना पड़ रहा है। उन्होंने आगे कहा अब तस्वीर साफ है कि 2023 में एमपी में कांग्रेस की सरकार बनेगी।

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उधर भाजपा ने दावेदारों की फौज को पार्टी के लिए अच्छा संकेत बताया है। बीजेपी जिलाध्यक्ष अभय चौधरी का दावा है कि बीजेपी दुनिया का सबसे बड़ा दल है। उन्होंने ने आगे कहा कार्यकर्ताओं की उम्मीद रहती है कि वो विधायक सांसद बने। जब पार्टी टिकिट घोषित कर देती है तब सभी कार्यकर्ता उम्मीदवार को जिताने का काम करते हैं। साल 2018 में बीजेपी अपनी गुटबाज़ी के चलते ग्वालियर चंबल में 34 में 27 सींटें हार गई थी, यही वजह है कि इस बार अंचल में बीजेपी की कमान अमित शाह ने अपने हाथ में ले रखी है।


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