शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में लंपी बीमारी का प्रकोप पिछले कई दिनों से चल रहा है। वर्तमान में प्रदेश के 33 जिले इस रोग से प्रभावित हैं, जिनमें से सिर्फ 20 जिलों में अभी तक इस रोग की प्रयोगशाला से पुष्टि हुई है। प्रदेश में अभी भी 2333 सक्रिय केसेस हैं, जिनका नियमित उपचार जारी है। वहीं बॉर्डर वाले इलाकों में सर्वे के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।
राजधानी भोपाल में लंपी वायरस का प्रकोप बढ़ रहा है। आवारा गोवंश में वायरस मिलने से चिंता बढ़ गई है। इस वायरस से अब तक 90 गोवंश संक्रमित हो चुके है। 90 में से 10 की मौत हो चुकी है। इसे देखते हुए प्रदेश के बॉर्डर वाले इलाकों को सर्वे कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए है।
कई पशुओं की हालत गंभीर
बताया गया कि संक्रमित गोवंश को वैक्सीन के लिए अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। वैक्सीनेशन में लापरवाही के कारण लंपी का प्रकोप फिर से तेजी से फैल रहा है। कई पशुओं की हालत गंभीर है। वैक्सीनेशन को लेकर पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से चिंता बढ़ रही है।
साढ़े 26 लाख पशुओं का टीकाकरण
वहीं संचालक पशुपालन एवं डेयरी ने बताया कि पिछले 3 माह में प्रदेश के कुल 25 हजार 691 पशु इस रोग से प्रभावित हुए हैं, जिसमें से कुल 22 हजार 975 (90%) पशु इस बीमारी से ठीक हो चुके हैं। अब तक कुल 26 लाख 50 हजार पशुओं में टीकाकरण किया जा चुका है। साथ ही बीमार पशुओं का सतत उपचार किया जा रहा है, जिसके कारण विगत 25 दिनों से प्रभावित पशुओं की संख्या व पशुओं की मृत्यु दर में कमी आई है। साथ ही विगत एक सप्ताह से कोई भी नये जिले से बीमारी की सूचना प्राप्त नहीं हुई है।
रोकथाम के लिए मॉनिटरिंग
लंपी बीमारी की रोकथाम के लिये प्रभावित क्षेत्रों में टीकाकरण व उपचार कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। विभाग लंपी स्किन बीमारी की रोकथाम के लिए मॉनिटरिंग प्रतिदिन कर रहा है। जिलों से प्राप्त जानकारी मुताबिक, बीमारी का प्रकोप पिछले 25 दिन से कम होता नजर आ रहा है और स्थिति नियंत्रण में है।
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