चेन्नई. डीएमके अध्यक्ष एम करुणानिधि का मंगलवार को लंबी बीमारी के बाद चेन्नई के कावेरी अस्पताल में निधन हो गया. यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (यूटीआई) से पीड़ित 94 वर्षीय एम करुणानिधि को कुछ दिन पहले ही अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था.

पिछले कुछ दिनों से उनकी हालत में सुधार देखा जा रहा था लेकिन सोमवार रात को उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई. डॉक्टर उनकी सेहत पर लगातार नजर बनाए हुए थे और आईसीयू में विशेष डॉक्टरों का एक पैनल उनका इलाज कर रहा था. प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर शोक व्यक्त किया है. पीएम ने ट्वीट में लिखा है कि देश हमेशा याद रखेगा.

पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और 12 बार विधानसभा सदस्य रहे डीएमके प्रमुख करुणानिधि भी ऐसे ही एक शख्स थे. भारतीय राजनीति में करुणानिधि एक अलग ही पहचान रखते थे. एक राजनेता के साथ करुणानिधि तमिल सिनेमा जगत के एक नाटककार और पटकथा लेखक भी रहे. उनके प्रशंसक उन्हें कलाईनार कहकर बुलाते थे. इसका मतलब होता है तमिल कला का विद्वान.

पहली बार करुणानिधि ने 1969 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. 1969 में डीएमके के संस्थापक सीएन अन्नादुरई की मौत के बाद से करुणानिधि के हाथ में पार्टी की कमान थी. करुणानिधि को तिरुचिरापल्ली जिले के कुलिथालाई विधानसभा से 1957 में तमिलनाडु विधानसभा के लिए पहली बार चुना गया था. 1961 में वो डीएमके कोषाध्यक्ष बने और 1962 में राज्य विधानसभा में विपक्ष के उपनेता बने. 1967 में डीएमके जब सत्ता में आई तब करुणानिधि सार्वजनिक कार्य मंत्री बने.

करुणानिधि ने महज 14 की उम्र में राजनीति में कदम रखा. दक्षिण भारत में हिंदी विरोध पर मुखर होते हुए करुणानिधि हिंदी हटाओ आंदोलन में शामिल हो गए. 1937 में स्कूलों में हिंदी को अनिवार्य करने पर बड़ी संख्या में युवाओं ने विरोध किया, उनमें से करुणानिधि एक थे. इसके बाद उन्होंने तमिल भाषा को हथियार बनाया और तमिल में भी नाटक और स्क्रिप्ट लिखने लगे.

1957 में पहली बार जब करुणानिधि विधायक बने थे तब देश के पीएम पंडित ज्वाहरलाल नेहरू थे. इसके बाद जब वो पहली बार मुख्यमंत्री बने तो इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थीं. वो तीसरी बार तब मुख्यमंत्री बने जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे. चौथी बार जब वो मुख्यमंत्री बने तब नरसिम्हा राव पीएम थे और पांचवी बार बने तो मनमोहन सिंह पीएम थे. करुणानिधि ने तीन शादियां कीं. उनकी पहली पत्नी पद्मावती, दूसरी पत्नी दयालु अम्माल और तीसरी पत्नी रजति अम्माल हैं. उनकी पहली पत्नी का निधन हो गया है. उनके चार बेटे और दो बेटियां है. एमके मुथू पद्मावती के बेटे हैं, जबकि एमके अलागिरी, एमके स्टालिन, एमके तमिलरासू और बेटी सेल्वी, दयालु अम्मल की संतानें हैं. उनकी तीसरी पत्नी रजति अम्माल की बेटी कनिमोझी हैं.

5 बार रह चुके हैं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री
करुणानिधि पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री थे. उनका जन्म 3 जून 1924 को हुआ था. पहली बार वे 33 साल की उम्र में 1957 में विधायक बने थे. तब जवाहर लाल नेहरू देश के प्रधानमंत्री हुआ करते थे. बाद में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर होते हुए उन्होंने इंदिरा और राजीव गांधी का कार्यकाल भी देखा. पांचवी बार जब वे मुख्यमंत्री बने तो मनमोहन सिंह पीएम थे. 27 जुलाई 1969 को वे पहली बार पार्टी के अध्यक्ष बने थे.

इस तरह 50 साल से वे अपनी पार्टी के प्रमुख बने रहे. 1957 में पहली बार विधायक बनने के बाद उन्हें एक बार भी हार नहीं मिली. उन्होंने 13 बार चुनाव लड़ा. करुणानिधि एक गरीब घर में पैदा हुए थे.

शुरुआत में उनका नाम दक्षिणामूर्ति रखा गया था. बाद में उन्होंने अपना नाम बदल लिया. करुणानिधि तमिल फिल्म के पटकथा लेखक से लेकर मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे.