दिलीप साहू, बेमेतरा. जिला अस्पताल में एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग की एक बड़ी लापरवाही देखने को मिली है. यहा एक महिला को नसबंदी के लिए भर्ती किया गया. यहा उसका ऑपरेशन भी शुरू कर दिया गया तभी पता चला कि महिला गर्भवती है. इसके बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया.

मामला बेमेतरा ​जिला अस्पताल का है जहां तिलाईगुडा निवासी एक महिला को नसबंदी के लिए लाया गया. यहां पर डॉक्टरों ने महिला की शुरूआती जांच की. जांच रिपोर्ट आने के बाद महिला की नसबंदी की तैयारी की गई. फिर महिला ऑपरेशन थियेटर में ले जाया गया. यहां पर मौजूद डॉक्टरों ने नसबंदी के लिए चीरा भी लगा दिया, लेकिन तभी ऑपरेशन कर रहे डॉक्टर को संदेह हुआ कि जिस महिला की नसबंदी की जा रही है वह गर्भवती है. इसके बाद जब महिला का सानोग्राफी कराया गया, तो पता कि उस महिला के पेट में 12 सप्ताह का गर्भ है. इस बात की जानकारी लगते ही हड़कंप मच गया. आनन फानन में डॉक्टर ने नसबंदी का आॅपरेशन रोकते हुए चीरा वाली जगह पर टाके लगा दिये. इसके बाद महिला का उपचार जारी है.

परिजनों का कहना है कि उन्होंने इसी अस्पताल में महिला की जांच कराई थी. इस जांच रिर्पाट में महिला के गर्भवती न होने की पुष्टि की गई थी, लेकिन जब महिला को नसबंदी का आॅपरेशन करने के लिए ले जाया गया तो डॉक्टर ने बताया कि महिला गर्भवती है.

जब इस बारे में सीएमएचओ डॉ एसके शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि महिला की जांच रिपोर्ट के आधार पर नसबंदी की जा रही थी, लेकिन इसी बीच पता चला कि महिला गर्भव​ती है. जिसके बाद आॅपरेशन रोक दिया गया है.

इस घटना ने एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग की पोल खोलकर रख दी है, कि किस तरह से सरकारी अस्पताल में जांच कर रिपोर्ट तैयार की जाती है. यदि डॉक्टरों द्वारा इस रिपोर्ट के आधार पर इलाज किया गया तो मरीज की जान खतरे में पड़ सकती है, बहरहाल इस मामले में डॉक्टर की सजगता के चलते महिला को किसी तरह की हानि नहीं पहुंची है, और वह महिला पूरी तरह से स्वस्थ्य है.