सुशील सलाम,कांकेर. जिले की मदर मेरी नर्सिंग होम का नर्सिंग एक्ट के तहत लाइसेंस रद्द कर दिया गया है. इस अस्पताल में सुविधाओं के नाम पर केवल खानापूर्ती की जा रही थी. जिसकी शिकायत भी लगातार मिल रहा थी. जिसके बाद कलेक्टर रानू साहू के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने यह कार्रवाई की है.
बताया जा रहा है कि अस्पताल में स्वच्छता, प्रवेश द्वार, निःशक्तजनों के लिए प्रवेश द्वार नियमानुसार नहीं था. नर्सिंग होम में डॉक्टर, नर्स, ऑक्सीजन के साथ अन्य नर्सिंग होम एक्ट के तहत् नर्सिंग होम में जरूरी सुविधा उपलब्ध नहीं था. जिसके बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने मदर मेरी नर्सिंग होम का लाइंसेस रद्द कर दिया है. इस कार्रवाई से नर्सिंग होम में हड़कंप मचा हुआ है.
गौरतलब है कि हाल ही में आईएएस रानू साहू जो कि पहले स्वास्थ्य विभाग में डायरेक्टर थीं, ने पदभार संभालते ही ये बड़ी कार्रवाई के निर्देश दे दिए हैं. इससे लोगों को उम्मीद जगी है कि उनकी मौजूदगी में जिले में तमाम सुविधाओं का अच्छा विकास होगा.
बता दें कि मदर मेरी नर्सिंग होम 25 बेड का अस्पताल है. इसके बावजूद भी यहां मरीजों को इलाज के लिए अच्छा सुविधा नहीं पा रहा था. इतना ही नहीं यह अस्पताल बिना एमबीबीएस डॉक्टरों के संचालित किया जा रहा था. साथ ही स्वच्छता, विकलांगों के लिए प्रवेश द्वार, परामर्श केंद्र का क्षेत्रफल दो सौ वर्गफुट से बड़ा होना, आपातकाल की सुविधा, ऑक्सीजन, प्रशिक्षित स्टाप नर्स जैसे तमाम सुविधा इस अस्पताल में मौजूद नहीं था.
जबकि अस्पतालों में इन सबका होना आवश्यक होता है. यहां तक की अस्पताल में अधिकतर नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था. इतना ही नहीं जिन डिग्रीधारी डॉक्टरों का नाम बोर्ड लिखा गया है उन डॉक्टरों का अस्पताल में कोई अता-पता ही नहीं है. जिस वजह से कलेक्टर के निर्देश पर अस्पताल का नर्सिंग एक्ट के तहत लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है.