रायपुर. राजनीतिक दलों को अनावश्यक चुनावी खर्चों पर रोक लगाने और तय रकम के भीतर ही चुनावी खर्च निपटाने की नसीहत देने वाली चुनाव आयोग की बुधवार को राजधानी के एक पांच सितारा हॉटल में संपन्न हुई बैठक को लेकर अब सवाल खड़े होने लगे हैं. दरअसल विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर भारत निर्वाचन आयोग के उप आयुक्त उमेश सिन्हा ने छत्तीसगढ़ के कलेक्टर, संभागायुक्त, आईजी एसपी सहित राज्य के मुख्यसचिव, सचिव सहित आला अधिकारियों और राजनैतिक दलों के साथ अलग-अलग तीन दौर की मैराथन बैठक ली. लेकिन अब ये बैठक को लेकर बवाल मच गया है.
बता दें कि बैठक को लेकर ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि ये महत्वपूर्ण बैठक चुनाव आयोग राजधानी के सरकारी भवन का इस्तेमाल करेगी,लेकिन हुआ कुछ उलटा और आयोग ने इस बैठक के लिए सरकारी भवन के बजाए एक पांच सितारा को चुना. ज्ञात हो कि रायपुर में एयरकंडीशन,भव्य सरकारी भवन और डिटोरियम खाली पड़े हैं. शायद यही कारण है कि ये बैठक किसी के गले नहीं उतर रही है.
इस संबंध में पत्रकारों ने जब दिल्ली से आए वरिष्ठ चुनाव उप आयुक्त उमेश सिन्हा से फाइव स्टार होटल में बैठक करने को लेकर सवाल किए तो उन्होंने साफ कह दिया की ये राज्य सरकार की ही व्यवस्था है. हालांकि सिन्हा ने माना कि फाइव स्टार होटल के बजाए यह बैठक कहीं और भी आयोजित की जा सकती थी.
चूंकि ये बैठक एक पांच सितारा हॉटल में आयोजित थी और प्रदेशभर के कई आला आधिकारी मौजूद थे तो उनके लिए भी यहां खाने पीने की व्यवस्था की गई होगी ,जिससे उनका ध्यान भी रखा जा सके. बता दें कि अब तक यह बात भी सामने नहीं आ सकी है कि इस बैठक के लिए चुनाव आयोग ने कितने पैसे खर्च किए हैं. ऐसे में यही कहा जायेगा कि बैठक में खर्च करने वाली राशि को लेकर कोई सीमा तय नहीं की गई थी.