शैलेन्द्र पाठक, बिलासपुर.पैसे लेकर सरकारी स्कूल का नाम बदलने का मामला प्रकाश में आया है. इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका भी दायर की गई है. जिसमें कहा गया है ​कि यदि पैसे लेकर सरकारी स्कूल के नामकरण की सरकारी पॉलिसी है, तो खुली बोली होनी चाहिए. इस दौरान याचिकाकर्ता ने 15 लाख रुपये का चैक भी याचिका के साथ दिया है.

यह पूरा मामला सरायपाली स्थित शासकीय स्कूल के नामकरण का है. जहां शाला विकास समिति द्वारा 10 लाख रुपये लेकर इस स्कूल का नाम एक नेता की मां के नाम पर करने की बात सामने आई है. इस मामले को लेकर शाला विकास समिति के ही एक सदस्य चंद्रमणी प्रधान ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है. जिसमें कहा गया है कि, यदि पैसे लेकर सरकारी स्कूल के नामकरण की सरकारी पॉलिसी है तो खुली बोली होनी चाहिए.इस दौरान याचिकाकर्ता ने 15 लाख रुपये का चैक भी याचिका के साथ दिया है.

मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस अजय त्रिपाठी और जास्टिस प्रशांत मिश्रा की डीबी में हुई. याचिकाकर्ता ने 15 लाख के चेक के साथ स्कूल का नाम बदलने की मांग की. हाईकोर्ट ने इससे इंकार करते हुए सरकार से जवाब तलब किया है कि, क्या सरकारी स्कूल के नामकारण की ऐसी कोई पॉलिसी है.इस पर सरकार की ओर से जवाब में ऐसी पॉलिसी होने से इंकार कर दिया.

सरकार की ओर यह जवाब आने पर हाईकोर्ट ने स्कूल में नेता की माँ के नाम के उपयोग पर रोक लगा दी है.