धीरज दुबे,कोरबा.इन दिनों संसदीय सचिव लखनलाल देवांगन और भाजपा जिला व्यापार प्रकोष्ठ के सहसंयोजक विशाल अग्रवाल आमने सामने आ गए हैं. दरअसल संसदीय सचिव ने एक पत्र लिखकर विशाल अग्रवाल के खिलाफ कलेक्टर से कार्रवाई की मांग की है. जिसके बाद से ही यहां बीजेपी में हड़कंप मच गया है.
इधर विशाल ने जो आरोप लगाए हैं वो भी चौकाने वाले हैं. विशाल ने उलटा लखनलाल पर ही आरोप लगाते हुए कहा है कि संसदीय सचिव ही मुझे अवैध वसूली के लिए उकसाते थे. उन्होंने बताया कि इससे पहले वो लखनलाल देवांगन के ही विधायक प्रतिनिधि हुआ करते थे,लेकिन उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उनसे जब इसकी वजह पूछी गई तो वो और हैरान करने वाली थी. विशाल ने कहा कि बतौर प्रतिनिधि उसे संसदीय सचिव लगातार अवैध वसूली के लिए कहा करते थे,जिसके चलते उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
जिला व्यापार प्रकोष्ठ के सहसंयोजक ने कहा कि उनकी इसी मांग की पूर्ती नहीं होने के कारण ही वे अपनी भड़ास निकाल रहे हैं. जिस भूमि पर कब्जे की बात कहकर कार्रवाई की मांग की गई है, उस वन भूमि पर वे 15 साल से काबिज हैं. साथ ही जमीन पर बेजीपी,कांग्रेस नेताओं समेत सैकड़ों गरीब लोग भी वहां रहते हैं. विशाल ने आगे कहा कि नगर पालिक चुनाव के दौरान भी प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दीपका के ज्योति नगर को आबादी क्षेत्र घोषित किये जाने की बात कही थी.
उन्होंने कहा कि यदि संसदीय सचिव के पत्र से कोई कार्रवाई होती है तो न केवल उनका बल्कि कई सैकड़ों गरीबों का भी आशियाना उजड़ जायेगा,जिसके पूर्ण जिम्मेदार संसदीय सचिव लखनलाल देवांगन ही होंगे. बता दें कि अपने पत्र में संसदीय सचिव ने कलेक्टर को लिखा है कि यदि गरीब वर्ग के लोग बेजा कब्जा करते हैं तो उसे समझा जा सकता है. लेकिन यदि इतना बड़ा कोयला व्यापारी बेजा कब्जा करे तो इससे गरीब लोगों में भी गुस्सा है. अपने पत्र में उन्होंने विशाल अग्रवाल के खिलाफ और बेजा कब्जा हटाने की मांग की है.
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