भोपाल। मध्य प्रदेश में अगले महीने होने वाले चुनावी तैयारियां जोरो पर है। इसी बीच पिछले महीने जेल से बाहर आए मिर्ची बाबा एक बार फिर सुर्ख़ियों में है। कांग्रेस के कट्टर समर्थक मानें जाने वाले मिर्ची बाबा ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बाबा से मुलाकात की तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा करते हुए पार्टी ज्वाइन करने पर उन्हें शुभकामनाएं दी है। सूत्रों की माने तो बाबा इस बार समाजवादी पार्टी के टिकट पर एमपी में चुनाव लड़ सकते है।

बता दें कि मिर्ची बाबा पर पिछले साल एक महिला ने रेप का आरोप लगाया था। मिर्ची बाबा पर आरोप था कि उन्होंने नि:संतान महिला को झांसे में लेकर अपने आश्रम में उसके साथ रेप किया था। इसके बाद उन्हें धारा 376 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया था। लेकिन उनपर लगाया गया आरोप सिध्द नहीं होने पर कोर्ट ने उन्हें रिहा कर दिया। मिर्ची बाबा इसे राजनीतिक कार्रवाई बताते रहे है।

जानिए कौन हैं मिर्ची बाबा

मध्य प्रदेश में धर्म से लेकर राजनीति तक अपनी घुसपैठ रखने वाले महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्यानंद गिरी उर्फ मिर्ची बाबा का असली नाम राकेश दुबे है। अपने भक्तों को मिर्ची की धुनी देने के कारण लोग धीरे-धीरे उन्हें मिर्ची बाबा कहने लगे। मिर्ची बाबा मध्य प्रदेश के भिंड जिले के बिरखड़ी गांव निवासी अयोध्या प्रसाद के तीसरे नंबर के बेटे हैं।

गौरतलब है कि अयोध्या प्रसाद मालनपुर के मंदिर में पुजारी थे। उनके चार बेटे हैं, साल 1997 तक राकेश दुबे ऑयल मिल में मजदूरी करते थे। इसके बाद अपनी 4 बीघा जमीन बेचकर ट्रक खरीदा, जिसे चलाने में घाटा हो गया और ट्रक को बेचना पड़ा। इसके बाद राकेश दुबे गुजरात के अहमदाबाद जाकर एक निजी फैक्ट्री में काम करने लगे। अहमदाबाद में ही किसी साधु की संगत में आकर राकेश दुबे ने संन्यास ग्रहण कर लिया और नाम बदलकर वैराग्यनंद गिरी हो गए। अलग-अलग जगह घूमकर भागवत कथा करने के दौरान मिर्ची बाबा के संपर्क कांग्रेस नेताओं से बढ़े। इसी दौरान वह पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के संपर्क में आए और वह हाईप्रोफाइल साधु बन गए।

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