Adani Group Companies: अडानी ग्रुप के लिए एक बुरी खबर सामने आई है, दरअसल FPI यानी फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स लगातार अडानी के शेयर बेच रहे हैं. जिसके चलते विदेशी होल्डिंग्स में भारी गिरावट देखी जा रही है. सबसे बड़ी गिरावट की बात करें तो वह अडानी ग्रुप की अडानी एंटरप्राइजेज में है.

जुलाई-सितंबर 2023 तिमाही में अदानी एंटरप्राइजेज में 4.8 फीसदी की गिरावट देखी गई है. जून तिमाही में विदेशी निवेशकों के पास अडानी एंटरप्राइजेज में 19.34 फीसदी हिस्सेदारी थी, जो अब घटकर 14.52 फीसदी रह गई है.

अडानी ग्रुप की ज्यादातर कंपनियां पिछड़ रही हैं (Adani Group Companies)

अन्य कंपनियों की बात करें तो अडाणी पोर्ट्स की हिस्सेदारी 3 फीसदी घटकर 13.8 फीसदी रह गई है. जून 2023 की तिमाही में यह 16.99 फीसदी थी. सीमेंट कंपनी एसीसी में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की संख्या भी 3 फीसदी घटकर 7.1 फीसदी रह गई है. यही हाल अडानी एनर्जी, अडानी विल्मर, अडानी टोटल गैस का भी है. हालांकि, अडानी पावर के साथ एनडीटीवी में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की संख्या बढ़ी है.

क्यों बेचे जा रहे हैं अडानी के शेयर? (Adani Group Companies)

अब सवाल यह आता है कि ऐसा क्यों हो रहा है? दरअसल, जब से हिंडनबर्ग रिपोर्ट आई है, अडानी के दिन बदल गए हैं. फोर्ब्स की लिस्ट में अडानी दूसरे स्थान पर रहे. पिछले साल अडानी पहले नंबर पर थे. इसके साथ ही सेंसेक्स में अडानी ग्रुप के शेयर भी नीचे जा रहे हैं. कंपनियों का शुद्ध मुनाफा घट रहा है. ये सभी कारक मिलकर अडानी के लिए मुश्किलें पैदा कर रहे हैं.

भविष्य कैसा हो सकता है? (Adani Group Companies)

जानकारों के मुताबिक, अडानी दोबारा भरोसा कायम करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए नई नीति पर काम किया जा रहा है, जिसमें ग्रीन हाइड्रोजन भी शामिल है. इसके अलावा पिछले 2 महीने में अडानी ने कई अरब का कर्ज लिया है, ताकि चल रहे प्रोजेक्ट में किसी तरह की कोई दिक्कत न हो.