इमरान खान, खंडवा। सरकारी स्कूल का नाम सुनते ही टूटी डेस्क, अव्यवस्थित क्लास रूम, गंदगी से पटा कैंपस और अक्सर क्लास रूम से गायब टीचर जहन में आते हैं। लेकिन, आज हम आपको मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित एक ऐसे सरकारी स्कूल के बारे में बताने जा रहे है। जहां के स्टूडेंट्स हाई फीस वाले स्कूल के स्टूडेंट्स को टक्कर देते हैं। स्कूल का परिसर भी ऐसा है कि आपको यह एहसास नहीं होगा कि आप किसी सरकारी स्कूल में हैं।
खंडवा में स्थित शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सूरजकुंड स्कूल के स्टूडेंट्स प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं। यह जिले का हाईटेक सरकारी स्कूल कहा जाता है। जहां स्टंडेट्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी (AI) का इस्तेमाल कर पढ़ना बखूबी जानते हैं। इतना ही नहीं, स्टूडेंट्स के पढ़ने के लिए उन्नत सुविधाओं से लैस क्लास रूम भी बना है।
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जब क्लास रूम में टीचर न हो तो बच्चों की पढ़ाई कैसे होगी? लेकिन इस सरकारी स्कूल ने मुश्किल को आसान कर दिया है। शिक्षकों के गैर मौजूदगी में भी पढ़ाई जारी रखने का उपाय खोज निकाला है। प्रिंसिपल ने बताया कि जब कोई टीचर किसी कारण से गैर हाजिर होते हैं तो हम AI की मदद से हुबहू वैसा ही टीचर क्लास रूम की स्क्रीन पर खड़ा कर देते हैं। जाे स्टूडेंट्स को पढ़ता है और बच्चों के सवालों को जवाब भी देता है।
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