नई दिल्ली। जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर 15 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पीएम पीवीटीजी (विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह) विकास मिशन का शुभारंभ करेंगे. देश की आजादी के बाद यह पहला ऐसा मिशन है जो विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह के समग्र विकास को सुनिश्चित करेगा. योजना कुल 24 हजार करोड़ रुपए की है.

मिशन को 9 मंत्रालयों के 11 हस्तक्षेपों के अभिसरण के माध्यम से लागू किया जाएगा, जिसमें पीएमजीएसवाई, पीएमजीएवाई, जल जीवन मिशन आदि शामिल हैं. केंद्रीय बजट 2023-24 में, विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार के लिए प्रधान मंत्री पीवीटीजी विकास मिशन की शुरुआत की घोषणा की गई थी.

मिशन में यह सभी मानदंड होंगे शामिल

योजना को खासतौर पर बिखरी हुई, दूरस्थ और दुर्गम बस्तियों में रहने वाले आदिवासियों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. योजना के तहत पीवीटीजी परिवारों और बस्तियों को सड़क और दूरसंचार कनेक्टीविटी, बिजली, सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल, स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित की जाएगी. इसके साथ ही स्थाई आजीविका के अवसरों जैसी बुनियादी सुविधाओं का भी विकास किया जाएगा.

बुनियादी सुविधाओं के लिए बनाया गया मिशन

विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह से जुड़े 18 लाख लोग 18 राज्यों के 220 जिलों के 22,544 गावों में रहते हैं. दुर्गम इलाकों में रहने के कारण आजादी के 76 सालों बाद भी उन तक मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंच पाई है. योजना के तहत पीवीटीजी परिवारों और बस्तियों को सड़क और दूरसंचार कनेक्टीविटी, बिजली, सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल, स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित की जाएगी.

कुछ योजनाओं के मापदंड में होगी छूट

दूर दराज की बस्तियों के कवर करने के लिए कुछ योजनाओं के मानदंड में ढील दी जाएगी. इसके अलावा अलग से प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, सिकल सेल रोग उन्मूलन, टीबी उन्मूलन, सौ प्रतिशत टीकाकरण, पीएम सुरक्षित मातृत्व योजना, पीएम मातृ वंदन योजना, पीएम पोषण और पीएम जन धन योजना के लिए सौ फीसदी कवरेज सुनिश्चित किया जाएगा.

आदिवासी समूहों के विकास पर खास ध्यान

बता दें कि वर्ष 2001 में मोदी सरकार ने झारखंड में जन्मे आदिवासी योद्धा बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी, और तब से हर वर्ष जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाता है. गौरव दिवस मनाने के साथ-साथ मोदी सरकार जनजातीय वर्ग के समग्र विकास और उनकी विशिष्ट पहचान बनाने पर जोर दे रही है.