आये हम बाराती बारात लेके जायेंगे दुल्हान को अपने साथ लेके गाने में नाचते दिखे बराती,फसल लहलहाए और फसल की पैदावार अच्छी हो इसके लिए मेंढक-मेंढकी की रचाई ब्याह…

रमेश सिन्हा, पिथौरा. ग्रामीण बारिश कराने इंद्रदेव को खुश करने के लिए क्या कुछ हथकंडे नहीं अपनाते है. अपनी फसलों को सूखने से बचाने, किसानों की कल्याण के लिए ये ग्रामीण ऐसा कर रहे है. दरअसल इंद्रदेव को खुश करने ग्राम छिबर्रा में आज बड़ी धूमधाम से बांजा गाजा के साथ मेंढक मेंढकी की शादी कराई गई.  जिसमें मंडली चौंक से बारात निकाल बैण्ड बाजा में झूमते नाचते स्कूल चौंक तक गई. जहां बारातियों का रंग गुलाल से भव्य स्वागत किया गया.

देवताओं को प्रसन्न करने के अलग -अलग तरीके हैं. कहीं सूर्य की तपिस कम करने के लिए सूर्य पूजा की जाती है तो कहीं अच्छी बारिस के लिए अनोखा अनुष्ठान किया जाता है. ऐसा ही ग्राम छिबर्रा में हुआ जहां देवताओं से अच्छी बारिश की प्रार्थना के चलते मेढ़क -मेंढकी की शादी करवाई गई.

इस अनूठी शादी के बारे मे गांव के बैगा खगपती सिन्हा जी ने बताया कि हमारे गांव मे बारिश अच्छी हो या न हो हम लोग हर साल किसानों के कल्याण और सूखे से बचाने के लिए बरसों से मेंढक मेंढकी का ब्याह रचाते आ रहे है. ऐसी मान्यता है की मेढ़क की शादी से इंद्रदेव खुश होते हैं. इन्हें पूरे विधिविधान से तेल हल्दी, वरमाला के साथ विवाह बंधन में बांधा और अच्छी बारिश के लिए भगवान से प्रार्थना की जिससे इस साल फसल लहलहाए और फसल की पैदावार अच्छी हो. इस कारण आज हम ऐसा कर रहे है.

देखें वीडियो…

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