हेमंत शर्मा, इंदौर। अगर आपकी प्रोफाइल भी Naukri.com और Shine.com पर है तो सावधान रहने की जरूरत है। दरअसल, मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में लग्जरी लाइफ जीने के शौकीन आरोपियों ने बेरोजगारों को अपना शिकार बनाया है। आरोपी पहले तो नौकरी देते फिर बाद में उनके साथ धोखाधड़ी करते थे। एडवोकेट बन कॉल कर पैसा वसूलते थे। आरोपियों के पास 10 हजार से अधिक बेरोजगार युवाओं का ऑनलाइन डाटा था। ये अब तक 500 से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं। फिलहाल सभी आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है।

दरअसल, इंदौर क्राइम ब्रांच ने एसएससी आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो पहले तो नौकरी दे देते थे उसके बाद गलत डाटा एंट्री बताकर फर्जी वारंट बनाकर बेरोजगारों से पैसा वसूलते थे। यह पैसा वसूलने के बाद बड़े पब में जाकर अय्याशी करना और लग्जरी लाइफ जीना इनका मकसद था। दिल्ली और मध्य प्रदेश के चार फरियादियों ने इंदौर क्राइम ब्रांच से शिकायत की थी। जिसके बाद इंदौर क्राइम ब्रांच ने पूरे मामले की बारीकी से जांच शुरू की।

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Naukri.com और Shine.com से निकाला था डाटा

डीसीपी निमिष अग्रवाल के मुताबिक पकड़े गए आरोपी मृदुल शर्मा निवासी कृष्ण बाग कॉलोनी 60 फीट रोड, सौरभ गोजर रोहन पवार ऋतिक भाटी अमन मालवीय और किरण सिंह को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से 30 मोबाइल, लैपटॉप और 12 फर्जी बैंक अकाउंट जब्त किए गए। इन बैंक अकाउंट में पैसा ट्रांसफर करने के बाद तुरंत ही इन खातों से आरोपी पैसा निकाल लिया करते थे। Naukri.com और Shine.com से आरोपियों ने 10 हजार से ज्यादा बेरोजगार युवक युवतियों का डाटा निकाल रखा था और इसे एक्सेल शीट पर मेंटेन करते थे। इसके साथ ही गिरोह का मुख्य सरगना मृदुल शर्मा इनको एडवोकेट बनाकर फोन लगाता और उसके बाद बेरोजगारों को लूटने का गोरख धंधा शुरू होता था।

पहले नौकरी फिर धोखाधड़ी

पुलिस के मुताबिक आरोपी पहले बेरोजगारों को डाटा एंट्री का काम देते थे और उसे डाटा एंट्री करने के बाद उन्हें बताया जाता था कि उन्होंने जो डाटा एंट्री की है वह गलत है। जिसके कारण कंपनी को बड़ा नुकसान हुआ है और इस नुकसान का हर्जाना आपको भरना होगा, नहीं भरते हैं तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद एक फर्जी नोटिस बनाकर उन्हें व्हाट्सएप पर भेजा जाता था। जिसके बाद बेरोजगार डर कर उन्हें पैसा ट्रांसफर कर दिया करते थे। अब तक आरोपी 500 से ज्यादा बेरोजगार युवाओं को अपना शिकार बन चुके हैं।

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12 से ज्यादा आरोपियों के पास निकले फर्जी अकाउंट

पकड़े गए आरोपियों के पास से 12 फर्जी बैंक अकाउंट क्राइम ब्रांच को मिले हैं। जिसमें करोड़ों रुपए का लेनदेन अब तक सामने आ चुका है। पुलिस इन सभी अकाउंट धारकों की भी जानकारी निकालने में जुटी हुई है। जिनके यह अकाउंट है उनकी भी भूमिका की पुलिस अब जांच कर रही है। इन खातों में जैसे ही पैसा ट्रांसफर होता था, उसे तुरंत आरोपी निकलवा लिया करते थे। अब पुलिस इनके असली अकाउंट को भी खंगालने में जुटी हुई है।

30 मोबाइल और लैपटॉप जब्त

गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से पुलिस ने 30 मोबाइल फोन जब्त किए हैं। इन मोबाइल फोन में लगी हुई सिम (SIM) की जानकारी भी पुलिस निकालने में जुटी हुई है। इन सिमों को संभावित तौर पर आरोपियों ने फर्जी आईडी कार्ड लगाकर एक्टिवेट करवाया था। इसके साथ ही वर्चुअल नंबरों की भी जानकारी निकाली जा रही है। पुलिस को शक है कि आरोपियों ने वर्चुअल नंबर का भी इस्तेमाल किया होगा जिससे आरोपी बेरोजगार युवाओं को फोन लगाकर उनसे पैसा वसूलने का काम करते थे।

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फोन कॉल का एक्सेल शीट पर बनाकर रखते थे डाटा

गिरफ्त में आया मुख्य आरोपी मृदुल शर्मा फोन कॉल पर बात करने वाले बेरोजगार युवाओं के साथ की गई हर बातचीत का डाटा एक्सेल शीट पर मेंटेन करता था। उसे सीट में लिखते थे जिस व्यक्ति से उन्होंने बात की है क्या वह व्यक्ति डर गया है या फिर कोर्ट में बुलाने की बात कर रहा है या फिर पैसा ट्रांसफर करने वाला है। उसके बाद बाकी की टीम उसे एक्सेल शीट के आधार पर ही लगातार युवाओं से बात करती रहती थी और पैसा ट्रांसफर करने का दबाव बनाया जाता था। एक्सेल शीट पर 500 से ज्यादा लोगों के नाम और नंबर के साथ जो उनसे बात की गई है, वह सभी जानकारियां पुलिस ने जब्त की है। फिलहाल पकड़े गए आरोपियों से पुलिस कड़ाई से पूछताछ में जुटी हुई है।

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