कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश में एक मजदूर दबंगों की प्रताड़ना से इतना आहत हो गया कि उसने आत्महत्या कर अपनी जीवन लीला ही समाप्त कर ली। युवक की लाश उसके घर के कमरे में फंदे से लटकी हुई मिली। मजदूर मुकेश जाटव ने अपने ग्वालियर में रहने वाले भांजे अजय को आत्महत्या से पहले फोन किया था। 

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मृतक ने फोन कर भांजे को बताया कि वह अपने साथी मजदूरों बहादुर मंटोली और बल्ली के साथ मजदूरी करने राई गांव के सरपंच साहब सिंह के यहां गया था। जहां उसके साथ बेरहमी से मारपीट की गई। इस घटना से वह इतना आहत हुआ कि अब वह जीना नहीं चाहता। हालांकि इस दौरान उसने यह नहीं बताया कि वह फांसी लगाने वाला है। लेकिन वह यह कहता रहा कि मेरे फोन को रिकॉर्ड कर लेना और साहब सिंह, सोनू और कल्लू के नाम से पुलिस में रिपोर्ट लिखवा देना। 

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मृतक के भांजे ने बताया कि वह बार-बार यही कहता रहा कि फोन रिकॉर्ड करने के बाद इस रिकॉर्डिंग को पुलिस के हवाले कर देना। फोन पर मुकेश जाटव यह कहते भी सुना गया कि वह अपने साथी बल्ली बहादुर और मंटोली के साथ मजदूरी  करने गया था। वहां से लौटते समय एक होटल पर उसके साथ मारपीट की गई है। किसी तरह वहां से भाग कर वह आया था। रास्ते में उसने किसी रिश्तेदार से मिलने का भी अपनी बातचीत में जिक्र किया है। 

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घटना की जानकारी मृतक मुकेश के भांजे अजय को सुबह लगी। पहले तो उसे लगा कि उसके मामा मुकेश मजाक में कोई बात कह रहे हैं। लेकिन सुबह मुकेश की मौत की खबर आने के बाद वह गांव पहुंचा और पुलिस को फोन की रिकॉर्डिंग दी। इस मामले में घाटीगांव थाना  जांच अधिकारी इंद्र सिंह राठौर का कहना है कि फिलहाल मृतक के शव का पोस्टमार्टम कर लाश को परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है।आगे जैसे भी तथ्य जांच में सामने आएंगे उसके आधार पर पुलिस वैधानिक कार्रवाई करेगी।

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