हेमंत शर्मा, इंदौर। बेलेश्वर महादेव मंदिर बावड़ी हादसे को लेकर जिला प्रशासन पर हाईकोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की है। हादसे के बाद एफआईआर हुए 8 माह बीत जाने के बाद भी कोर्ट के समक्ष जांच रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई। इस मामले में कोर्ट ने जिला प्रशासन, नगर निगम से 4 सप्ताह में जवाब मांगा है। 

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दरअसल इंदौर के बेलेश्वर महादेव मंदिर में बावड़ी धंसने से 36 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में इंदौर हाईकोर्ट में तीन याचिकाएं दायर की गई थी जिन पर हाईकोर्ट ने आज सुनवाई की। एडवोकेट मनीष यादव के मुताबिक सुनवाई के दौरान स्थानीय प्रशासन पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की। 

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हाईकोर्ट ने कहा कि हादसे को 8 माह बीत चुके हैं लेकिन अब तक जिला प्रशासन ने कोर्ट के समक्ष जांच रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की है। और न ही किसी दोषी पर अब तक कोई कार्रवाई सकी है। सरकार की तरफ से सुनवाई के दौरान पक्ष रखा गया कि 36 लोगों की मौत के मामले में प्रत्येक व्यक्ति को 50 हजार रुपए मुआवजा दे दिया गया है। इस पर भी कोर्ट ने सवाल खड़े करते हुए पूछा की सरकार ने क्या यह राशि बालेश्वर मंदिर के ट्रस्ट से वसूली है? इस पर सरकार की तरफ से कोई जवाब प्रस्तुत नहीं हुआ है। 

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इसके साथ ही हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन, नगर निगम और बालेश्वर मंदिर ट्रस्ट से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा है कि जिला प्रशासन जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करे और इसके साथ ही दोषियों पर क्या कार्रवाई की यह स्पष्ट करें। याचिकाकर्ता ने इस पूरे मामले में मृतकों को 25 लाख रुपए मुआवजा दिलाने और सीबीआई जांच की मांग भी की है। इसके साथ ही दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग भी की गई है। इस मामले में अब चार सप्ताह बाद अगली सुनवाई हाईकोर्ट में होनी है। कोर्ट ने तीनों ही याचिकाओं की सुनवाई एक साथ की है। 

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बता दें कि इस साल मार्च में रामनवमी के दिन इंदौर के श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर (Beleshwar mahadev jhulelal mandir) पर बावड़ी की छत धंसने से दर्जनों लोग बावड़ी में गिर गए थे। इस हादसे में लगभग 36 लोगों की मौत हो गई थी। 

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