नीलेश भानपुरिया, झाबुआ। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की मतगणना तारीख जैसे-जैसे करीब आ रही है वैसे ही कांग्रेस और बीजेपी ईवीएम सुरक्षा व जीत के दावे को लेकर जुबानी जंग से काउंटर कर रही है। पिछले दिनों झाबुआ कांग्रेस द्वारा एवं सुरक्षा में लगाए गए सीसीटीवी कैमरा बैटरी बैकअप पर सवालिया निशान खड़े किए गए थे। इसके साथ ही बालाघाट बैलट पेपर वीडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस और भी ज्यादा हमलावर होते हुए ईवीएम मशीन से छेड़छाड़ करने की संभावनाओं के चलते अपने कार्यकर्ताओं को टेंट तंबू की व्यवस्था देकर 24 घंटे निगरानी में लगाई हुई है।
ईवीएम की सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवालों के बीच झाबुआ पुलिस अधीक्षक अगम जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि हमने तीन लेयर में सुरक्षा व्यवस्था की है। सुरक्षा का घेरा स्ट्रांग रूम के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। पूरी गतिविधि पर तीसरी आंख की पैनी नजर है। इसके अलावा पैरा मिलिट्री फोर्स के जवान भी सुरक्षा का जिम्मा संभाले हुए हैं। स्ट्रांग रूम के बाहर किसी भी तरह की भीड़ जमा करने की अनुमति नहीं है। जब तक मतगणना नहीं हो जाती तब तक स्ट्रांग रूम की रूटीन निगरानी की जा रही है।
वहीं झाबुआ भाजपा चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक दौलत भावसार ने झाबुआ चुनाव और कांग्रेस के ईवीएम को लेकर दिए बयान पर हमला बोला है। उन्होंने कहा, ”ईवीएम एक बहाना है क्योंकि कांग्रेस प्रदेश और झाबुआ विधानसभा में बुरी तरह से हार रही है। उन्होंने कांग्रेस द्वारा जारी किए बयानों का खंडन किया।
मतगणना की तारीख नजदीक आने के साथ ही राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों की दिल की धड़कने भी बढ़ती जा रही है। हार और जीत का मंथन हर गली चौराहों पर चर्चाओं के साथ चल रहा है। अब ऊंट किस करवट बैठेगा किसकी होगी जीत, किसकी होगी हार, किसकी बनेगी सरकार, कौन जाएगा विधानसभा भोपाल, यह तो 3 दिसंबर को ही तय होगा।
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