शिखिल ब्यौहार, भोपाल। सियासी समीकरणों को लेकर प्रयोगशाला कहे जाने वाले मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव में सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों को चुनाव में उतारने का नया प्रयोग किया। लेकिन प्रदेश में सत्ता के सेमीफाइनल ने केंद्र के फाइनल मैच में बड़े बल्लेबाजों की सीटों के समीकरण बिगाड़ दिए। दरअसल दो केंद्रीय मंत्री समेत एमपी के पांच सांसदों ने इस्तीफा देकर लोकसभा इलेक्शन मैनेजमेंट से पर्दा उठा दिया।
अब मध्यप्रदेश के इन दिग्गजों की सीटों पर नए समीकरणों की तैयारी की सुगबुआहट शुरू हो गई है। वहीं दूसरी ओर केंद्र में भी संभावित मंत्रिमंडल के समीकरणों में भी एमपी के अघोषित कोटे में भी बदलाव की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। मध्यप्रदेश में लोकसभा की कुल 29 सीटों में अब मुरैना, जबलपुर, सीधी, दमोह, होशंगाबाद लोकसभा में पांच माह बाद होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर माथापच्ची नई सरकार के गठन के बाद और तेज होगी।
लोकसभा सदस्य पद से त्यागपत्र देने वालों में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और प्रहलाद सिंह पटेल समेत सांसद राकेश सिंह, रीति पाठक, राव उदय प्रताप सिंह का नाम शामिल है। वीआईपी लोकसभा सीटों पर अब नए उम्मीदवारों के समीकरण को लेकर बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि अब सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों के इस्तीफे के बाद तस्वीर साफ हो चुकी है। बीजेपी में कोई चेहरा विशेष नहीं बल्कि कमल ही चुनाव लड़ता है। परिस्थिति के आधार पर ही निर्णय लिया जाएगा जो जल्द सामने होगा।
उधर मामले को कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता शहरयार खान ने बीजेपी का आंतरिक मामला बताते हुए कहा कि नए समीकरणों से कांग्रेस को लाभ होगा। दावा इस बात का भी किया कि इस बार बीजेपी का टिकट वितरण में नया फार्मूला काम नहीं आने वाला।
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