रायपुर. भारत में 15 सितंबर को इंजीनियर्स डे मनाया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसी दिन इंजीनियर्स डे क्यों मनाया जाता है? दरअसल आज ही के दिन देश के सबसे बड़े इंजीनियर और जानकार रहे सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का जन्म हुआ था. आज उनकी 158वीं जयंती है.
15 सितंबर 1860 को जन्मे विश्वेश्वरैया मैसूर के दीवान थे, उनका कार्यकाल 1912-1918 तक रहा. इसके बाद साल 1955 में उन्हें भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था. उन्हें किंग जॉर्ज पंचम द्वारा ब्रिटिश इंडियन एम्पायर की उपाधि भी दी गई थी. उनके सम्मान में उनके जन्म दिवस के ही दिन देश में इंजीनियर्स डे मनाया जाता है. अपने समय में उन्होंने चीफ इंजीनियर की भूमिका निभाते हुए कृष्णा सागा बांध का निर्माण किया था. यह बांध कर्नाटक के मंडया जिले में स्थित है. इसके अलावा उन्होंने हैदराबाद में बाढ़ नियंत्रण सिस्टम बनाने के लिए चीफ इंजीनियर के तौर पर काम किया था.
गूगल डूडल के मुताबिक सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के लिए उनका काम ही पूजा थी. अपनी सिंचाई परियोजनाओं के कारण उन्हें विश्वभर में सराहना मिली. महज 12 साल की उम्र में ही उन्होंने अपने पिता को खो दिया. उन्होंने जीवन के शुरुआती साल कर्नाटक में बिताए. उनके पिता संस्कृत के विद्वान थे. जो कि सादगी भरे जीवन में ही विश्वास रखते थे.
सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया ने बॉम्बे विश्वविद्यालय से सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने पीड्ब्लूडी में काम किया और फिर भारतीय सिंचाई आयोग में काम करने लगे. विश्वेश्वरैया का निधन 101 साल की उम्र में 14 अप्रैल 1962 को हो हुआ.