लखनऊ। श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह परिसर विवाद की सुनवाई कर रहे इलाहाबाद हाईकोर्ट ने परिसर के सर्वे की इजाजत दे दी है. हिंदू पक्ष शाही ईदगाह के सर्वे की मांग को लेकर जिला कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट तक का दरवाजा खटखटा चुका है. इलाहाबाद हाईकोर्ट गुरुवार को 18 याचिकाओं पर सुनवाई करने के बाद ये फैसला दिया है.

ज्ञानवापी के बाद मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद में भी सर्वे कराने को लेकर हिंदू पक्ष ने याचिका दायर की थी. इसको लेकर काफी समय से जिला कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट तक सुनवाई चल रही थी. छह नवंबर को कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद फैसले को सुरक्षित रख लिया था. गुरुवार को हाईकोर्ट ने शाही ईदगाह परिसर में सर्वे को लेकर एक कमिश्नर नियुक्त करने का भी आदेश दिया है, जो मंदिर परिसर का सर्वे कराएगा. कोर्ट 10 दिसंबर को टीम में सदस्य की संख्या को लेकर निर्देश देगा.

18 दिसंबर को तय किए जाएंगे तौर-तरीके

हाईकोर्ट के फैसले पर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हमारे आवेदन को स्वीकार कर लिया है, जहां हमने अधिवक्ता आयुक्त द्वारा (शाही ईदगाह मस्जिद) के सर्वेक्षण की मांग की थी. तौर-तरीके 18 दिसंबर को तय किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि शाही ईदगाह मस्जिद के तर्कों को खारिज कर दिया है. मेरी मांग थी कि शाही ईदगाह मस्जिद में हिंदू मंदिर के बहुत सारे चिन्ह और प्रतीक हैं, और वास्तविक स्थिति जानने के लिए एक अधिवक्ता आयुक्त की आवश्यकता है. यह अदालत का एक ऐतिहासिक फैसला है.

क्या थी हिंदू पक्ष की मांग

शाही ईदगाह में सर्वे को लेकर हिंदू पक्ष ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. वादी की ओर से अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने हाईकोर्ट में बताया था कि वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर की तरह ही श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर स्थित शाही ईदगाह मस्जिद का भी सर्वे कराया जाए. इसके लिए एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया जाए. उन्होंने न्यायालय से तीन अधिवक्ताओं के पैनल को कोर्ट कमिश्नर के रूप में नियुक्त करने की मांग की थी.

मुस्लिम पक्ष ने जताया था विरोध

मुस्लिम पक्ष ओर से इस बात का विरोध करते हुए कहा गया था कि जब तक प्लेसेस ऑफ वरशिप एक्ट और वक्फ बोर्ड एक्ट के तहत मामले में सुनवाई पूरी नहीं होती, इस अर्जी पर कोई निर्णय नहीं किया जा सकता है. साथ ही ज्ञानवापी मस्जिद केस में दिए गए फैसले का भी हवाला देकर के कहा गया कि ज्ञानवापी मामले में भी न्यायालय ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने का आदेश दिया था. ऐसे में शाही ईदगाह परिसर का कोर्ट कमिश्नर और पुरातत्व विभाग द्वारा सर्वे किया जाना चाहिए.