रायपुर. देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और स्वर्गीय राजीव गांधी के बाद देश के सबसे स्टाइलिश और स्मार्ट पीएम हैं नरेंद्र मोदी. 15 अगस्त और 26 जनवरी को जब देश आजादी और गणतंत्र का पर्व मनाने में जुटा होता है तब देश का एक वर्ग सिर्फ यह देखना चाहता है कि इस बार पीएम के साफे का रंग क्या होगा, कुर्ते की बाजू और रंग क्या होगा. युवाओं के लिए फैशन आइकन बन चुके पीएम मोदी का कुर्ता स्टाइल स्टेटमेंट बन चुका है.
जिस तरह से देश पंडित नेहरू की सदरी को नेहरू बंडी का नाम दिया और बंद गले के कुर्ते को भी नेहरू गला के नाम से जाना जाता है वैसे ही आधी बाजू का कुर्ते का देश में फैशन लाने वाले पीएम हैं मोदी. लेकिन यह जानना काफी रोचक है कि मोदी कुर्ता आखिर कैसे आया वजूद में और स्टाइल स्टेटमेंट बने इसे कुर्ते की बाजू कटने की कहानी की शुरुआत के मूल में अत्यधिक सादगी है.
जब एक बार मोदी जी से उनके स्टाइलिश कुर्ते के बारे में पूछा गया तो प्रधानमंत्री ने बताया:
‘आरएसएस और भाजपा में काम का मतलब सिर्फ लगातार यात्राएं ही नहीं, बल्कि अनिश्चित और दुश्कर कार्यक्रम भी हैं. और मैं तो अपने कपड़े हमेशा खुद ही धोता था, मैं सोचा कि पूरी बांह का कुर्ता धोना अधिक कठिन था और ज्यादा समय लेता था तो मैंने अपने कुर्ते को काटकर आधी बांह का कर देने का फैसला किया.’
इस तरह मोदी कुर्ता की शुरुआत हुई!
समय बीतने के साथ, खासतौर से हाल के कुछ वर्षों में मोदी कुर्ता दुनिया भर में प्रसिद्ध हो गया. इसके अलावा ‘मोदी मास्क’, कप, टी-शर्ट, बैज और यहां तक कि चॉकलेट जैसी चीजें भी समय समय पर देखी गईं, लेकिन इनमें से कुछ भी मोदी कुर्ता जितना लोकप्रिय नहीं हुआ. मोदी कुर्ता की सादगी ही उसे खास बना देती है.