Punjab News: चंडीगढ़. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह के हत्यारे बलवंत राजोआणा की मौत की सजा को कम करने संबंधी दया याचिका पर, कहा कि जिस व्यक्ति को गलती का एहसास नहीं है, उसे कैसी माफी?
अमित शाह ने यह बात लोकसभा में पंजाब की सांसद हरसिमरत कौर बादल की ओर से किए सवाल पर कही. हरसिमरत कौर ने बुधवार को संसद में पेश हुए तीन संशोधित आपराधिक विधेयकों पर बहस के दौरान यह मुद्दा उठाया था. उनका कहना था कि संशोधित विधेयक के कारण राजोआणा के लिए एसजीपीसी की ओर से 2011 में दी दया याचिका बेकार हो जाएगी. शाह ने सदन में बहस का जवाब देते हुए कहा कि रहम का हकदार वह होता है, जिसे अपनी गलती का एहसास हो.
बता दें कि पंजाब पुलिस के पूर्व कांस्टेबल राजोआना को पंजाब सिविल सचिवालय के बाहर एक विस्फोट में शामिल होने के लिए दोषी ठहराया गया था, जिसमें 1995 में बेअंत सिंह और 16 अन्य लोग मारे गए थे, राजोआना की मौत की सजा को कम करने की घोषणा करते हुए, गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने तब कहा था कि “आठ अन्य सिख कैदी थे” पंजाब में आतंकवाद के दौरान अपराध करने के आरोप में देश की विभिन्न जेलों में बंद को भी मानवता के नाते श्री गुरु नानक देवजी की जयंती के अवसर पर सरकार द्वारा रिहा किया जाएगा.”
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