Punjab News: अमृतसर. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से संसद में बंदी सिखों पर दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि जेलों में तीन दशकों से बंद सिखों के मानवीय अधिकारों के विपरीत है.

यह बयान कैदियों के मानवीय अधिकारों का भी उल्लंघन है. धामी ने कहा कि सिखों को पहले से ही लग रहा है कि उन्हें अपने ही देश में न्याय नहीं मिल रहा है और अब गृहमंत्री के संसद में दिए गए ताजाबयान ने एक बार फिर सिखों के मन पर गहरा आघात किया है. धामी ने कहा कि सरकार को भारत की आजादी के लिए सिखों के बलिदान को कभी नहीं भूलना चाहिए. जिस संसद में गृह मंत्री अपना बयान दे रहे हैं, वह भी सिखों के बलिदान के कारण ही खड़ी है.

धामी ने कहा कि बंदी सिखों की रिहाई की मांग संविधान के दायरे में है. केंद्र सरकार ने गुरुपर्व पर 2019 में अपनी अधिसूचना के माध्यम से इसे मंजूरी दे दी है.