कंचन ज्वाला कुंदन. रायपुर. जांजगीर में अटल विकास यात्रा में शरीक हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपने भाषण के शुरूआत में जय सतनाम कहना राज्य की सियासत में चर्चा का केंद्र बिन्दु बना हुआ है. दरअसल सियासी गलियारे में मोदी के इस अभिवादन को सियासी फायदे के तौर पर देखा जा रहा है.

जांजगीर जिला सतनामी समाज का बड़ा गढ़ है. यहां की विधानसभा सीटों में जीत का रास्ता एससी वोट बैंक ही तय करता आया है. ऐसे में मोदी का जय सतनाम कहना एक बड़ी रणनीति का हिस्सा कहा जा रहा है. राजनीतिक प्रेक्षक बताते हैं कि इस अभिवादन के जरिए मोदी ने उस वर्ग को छूने की कोशिश की है, जो प्रत्यक्ष तौर पर दस विधानसभा सीटों प्रभावित करती है.

बीते चुनाव में बीजेपी ने दस में नौ सीटों पर किया था कब्जा

साल 2013 के विधानसभा चुनाव के दौरान एससी सीटों को लेकर बीजेपी चिंतित थी. लेकिन जब नतीजे आए, तो बीजेपी को बड़ा फायदा मिला था. राज्य की दस अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित सीटों में से नौ सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज कर राजनीतिक प्रेक्षकों के तमाम आंकलन को ध्वस्त कर दिया था. राज्य की सत्ता में तीसरी बार सरकार चुने जाने के पीछे भी इन दस सीटों पर बीजेपी की जीत ने अहम भूमिका निभाई थी. सियासी गलियारों में इस बात को लेकर प्रबल चर्चा होती रही कि अनुसूचित जाति वर्ग की सीटों पर बीजेपी के पक्ष में आया नतीजा बीजेपी की रणनीतिक जीत है. बताते हैं कि चुनाव के ऐन वक्त पर सतनाम सेना का मैदान में कूंदना और प्रत्याशी खड़ा करना बीजेपी को फायदा दिलाने वाला साबित हुआ. सतनाम सेना ने सतनामी समाज का बड़ा वोट काटा, जिससे बीजेपी को फायदा मिला. छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति वर्ग का वोट बैंक कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक माना जाता है. ऐसे में यह कांग्रेस के लिए बड़ी रणनीतिक हार साबित हुई थी.

जोगी कांग्रेस-बसपा का गठबंधन
मोदी के जय सतनाम के बोल के बीच जोगी कांग्रेस औऱ बसपा के गठबंधन को भी समझिए. दरअसल बसपा का प्रभाव सतनामी समाज के वोट बैंक पर सीधा माना जाता है. जांजगीर जिले में या कहें कि बिलासपुर संभाग में एससी के साथ-साथ सामन्य सीटों पर बसपा का प्रत्यक्ष प्रभाव दिखता है. वहीं अजीत जोगी भी सनतमा समाज के एक बड़े नेता के तौर देखें जाते हैं. राजनीतिक समीकरण बताते हैं कि जोगी का प्रभाव सनतामी समाज के बीच मजबूती के साथ हैं. लिहाजा जोगी कांग्रेस और बसपा का गठबंधन सतनामी समाज पर चुनाव में असरकारी हो सकता इससे इंकार नहीं किया जा सकता है. लिहाजा इस बात को बीजेपी भी बखूबी तौर पर समझती होगी.