रायपुर। श्री रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह के उपलक्ष्य में बीते दिनों शिवरीनारायण में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस दौरान भाजपा प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने शिवरीनारायण मठ के प्रमुख महंत रामसुंदर दास को इशारों ही इशारों में भाजपा प्रवेश का निमंत्रण दिया था. जिसके बाद महंत रामसुंदर दास के जवाब का सभी को इंतजार था. Lalluram.com ने जब उनसे बीजेपी में शामिल होने को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने हमें इसका जवाब दिया.

भाजपा प्रदेश प्रभारी ओम माथुर की ओर से भाजपा में शामिल होने के न्यौते पर महंत रामसुंदर दास ने Lalluram.com से कहा कि, ”मैं तो अभी भागवत सेवा में लगा हूं. मैं अभी किसी राजनीतिक दल में नहीं जा रहा हूं. मेरी ऐसी कोई भावना अभी नहीं है. मैं गौ सेवा, भागवत सेवा, धर्म के कार्य को गति देने में लगा हूँ. मेरा आशीर्वाद सभी के साथ है”.

बीजेपी प्रभारी ओम माथुर ने कही थी ये बात

भाजपा प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने शिवरीनारायण मठ के प्रमुख महंत रामसुंदर दास को इशारों में भाजपा प्रवेश का निमंत्रण देते हुए कहा था कि, अब आपके लिए भी समय आ गया है. आने वाले दिनों में लोकसभा चुनाव आ रहा है. पिछली बार भूल हो गया. अब पिछली बात छोड़कर आगे आइए. इससे अच्छा और क्या होगा, आइए अभी मौका है. पीएम मोदी के नेतृत्व में इस देश को विश्वगुरु बनाएंगे.

चुनाव में हर के बाद महंत ने पार्टी से दिया इस्तीफा

गौरतलब है कि, कांग्रेस के अनुभवी नेता माने जाने वाले महंत रामसुंदर दास विधानसभा चुनाव 2023 के रायपुर दक्षिण सीट के प्रत्याशी थे. परिणाम आने के बाद उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को सौंपा था. इस इस्तीफे की वजह उन्होंने चुनाव में बड़ी हार को बताया था. उन्होंने ने पीसीसी चीफ को पत्र में लिखा था कि, कांग्रेस पार्टी और पदाधिकारी ने बहुत विश्वास करके मुझे रायपुर शहर दक्षिणी विधानसभा का प्रत्याशी बनाएं. सभी कार्यकर्ताओं ने मेहनत की, लेकिन परिणाम आशा के अनुरूप नहीं आया. इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मैं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रहा हूं.

बता दें कि, महंत रामसुंदर दास दक्षिण विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे. उनके सामने इसी सीट से सात बार के विधायक बृजमोहन अग्रवाल थे. खास बात यह है कि महंत रामसुंदर दास को आठवें बार के विधायक बने बृजमोहन अग्रवाल अपना गुरु मानते हैं. ऐसे में यह मुकाबला गुरु और शिष्य के बीच था. मुकाबला भी चुनौती से भरा रहा. इस चुनाव में बृजमोहन अग्रवाल ने बड़े अंतर से जीत हासिल की. चुनाव में मिली इस हार के बाद महंत ने अपनी हार की नैतिक जिम्मेदारी ली और कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. वहीं भाजपा प्रदेश प्रभारी ओम माथुर की ओर से भाजपा में शामिल होने के न्यौते के बाद महंत की बीजेपी में शामिल होने की चर्चाएं चल रही थी, लेकिन उन्होंने इससे इंकार कर दिया.

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