भोपाल। नीट यूजीसी काउंसिलिंग 2023 में आरक्षण सही ढंग से लागू नहीं करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश शासन और डीएमई को नोटिस जारी किया है। इस मामले में कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एमपी सरकार पर निशाना साधा है। कमलनाथ ने ट्विटर पर लिखा कि भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा पूरी तरह आरक्षण विरोधी है।

कमलनाथ ने लिखा अभी कल ही यूजीसी की गाइडलाइन में उच्च शिक्षा संस्थानों में आरक्षण समाप्त करने की साजिश का मुद्दा जब मैंने और कांग्रेस के अन्य नेताओं ने उठाया तो सरकार को वह फैसला वापस लेना पड़ा। लेकिन अब यह दूसरा मामला मध्य प्रदेश से ही सामने है। जहां एमबीबीएस की काउंसलिंग में आरक्षण का सही ढंग से पालन नहीं किया गया और माननीय उच्चतम न्यायालय ने मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है।

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‘आरक्षण के अधिकार को छीनने की चाल’

उन्होंने आगे लिखा ‘असल बात यह है कि परीक्षा प्रणाली और प्रवेश प्रक्रिया के नियम स्पष्ट हैं। लेकिन संघ और भाजपा का चरित्र दलित, पिछड़ों और आदिवासियों के साथ अन्याय करने का रहा है। इसलिए इनकी सरकार कोई ना कोई बहाना बनाकर दलित, पिछड़े और आदिवासियों के आरक्षण के अधिकार को छीनने की चाल चलती है। मैं मध्य प्रदेश सरकार से आग्रह करता हूं कि माननीय न्यायालय तो सही समय पर अपना फैसला सुना ही देगा लेकिन उससे पहले सरकार को खुद आगे बढ़कर अपनी गलती सुधारनी चाहिए और संविधान वर्णित आरक्षण प्रक्रिया के आधार पर एमबीबीएस में प्रवेश सुनिश्चित करना चाहिए।’

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