रायपुर। मैक कॉलेज में ग्रामोद्य से भारत उदय विषय में संगोष्ठी का आयोजन किया गया. संगोष्ठी को संबोधित करते हुए युवा आयोग के अध्यक्ष कमलचंद्र भंजदेव ने यह स्वीकार किया युवाओं के भीतर धैर्यता खत्म हो गई है. विश्व की कई देशों की यात्रा के बाद वे यह बात पूरी शिद्दत के साथ कह रहे हैं. युवाओं में लक्ष्य को लेकर भटकाव नजर आता है. इस दौरान भंजदेव ने खुद को लेकर एक महत्पूर्व जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मैं 18 भाषाओं की जानकारी रखता हूँ. अब तक 100 देशों का भ्रमण कर चुका हूं. इन यात्राओं के बाद यह कह सकता हूँ कि आज बदलाव का जमाना आ गया है. संचार क्रांति का जमाना आ गया है. यात्रा के दौरान मैंने 2200 गांव का भ्रमण किया. देश मे कई बातों की जानकारी आज के युवाओं में नही है. भारत को विश्व गुरु बनने के लिए शिक्षा सबसे ज्यादा जरूरी है. आज के युवा भ्रमित नजर आते हैं. अपनी सोच को समझने में उनको समय लगता है. युवा आज संघर्ष करना नही जानते, युवाओं में पेशेंस खत्म हो गया है. युवाओं को लक्ष्य साधने की जरूरत है.
उन्होंने युवाओं के बीच नरेंद्र मोदी और मुकेश अम्बानी के कार्यक्षमता का उदाहरण दिया. युवाओं के सामने अनेक अवसर है. अवसरों को प्राप्त करने के लिए क्षमता अपने भीतर जगाना पड़ेगा. स्थिति नही सुधरी तो पूरा देश संकट में पड़ सकता है. वहीं बस्तर के संघर्ष पर बोलते हुए कहा, कि सड़के और स्कूल सरकार बनाना चाहती है लेकिन अराजकतत्व उसे पूरा होने नही देते. अकेले प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कुछ नही कर सकते. युवाओं को एकजुट होना होगा. हमे संकल्प लेना होगा कि पुरातन पद्धति को जीवित रखे. शिक्षा का ज्ञान प्राप्त करें. तभी युवा बढ़ेगा और देश चलेगा. युवा एक लक्ष्य नहीं रख रहे है. बहकावे में आ रहे है. सनातन धर्म के कारण ही आज हम यहां है.
उन्होंने युवाओं के बीच नरेंद्र मोदी और मुकेश अम्बानी के कार्यक्षमता का उदाहरण दिया. युवाओं के सामने अनेक अवसर है. अवसरों को प्राप्त करने के लिए क्षमता अपने भीतर जगाना पड़ेगा. स्थिति नही सुधरी तो पूरा देश संकट में पड़ सकता है. वहीं बस्तर के संघर्ष पर बोलते हुए कहा, कि सड़के और स्कूल सरकार बनाना चाहती है लेकिन अराजकतत्व उसे पूरा होने नही देते. अकेले प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कुछ नही कर सकते. युवाओं को एकजुट होना होगा. हमे संकल्प लेना होगा कि पुरातन पद्धति को जीवित रखे. शिक्षा का ज्ञान प्राप्त करें. तभी युवा बढ़ेगा और देश चलेगा. युवा एक लक्ष्य नहीं रख रहे है. बहकावे में आ रहे है. सनातन धर्म के कारण ही आज हम यहां है.