Ajmer Sharif Dargah Dispute: ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह (Ajmer Sharif Dargah) को लेकर हिंदू मंदिर होने के दावे पर विवाद बढ़ता जा रहा है। कोर्ट में दायर याचिका को निचली अदालत ने स्वीकार कर लिया है और सभी पक्षकारों को नोटिस जारी करते हुए 20 दिसंबर की अगली सुनवाई तय की है। संकट मोचन महादेव मंदिर के दावे को लेकर बढ़ते विवाद के बीच पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने केंद्र और राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है।

1991 का कानून नहीं बदला जाना चाहिए

गुरुवार को ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पहुंचे राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि 1991 के प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट में किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, क्या राजस्थान की सरकार अजमेर को संभल बनाना चाहती है? अगर दरगाह विवादित होती तो क्यों देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष यहां आकर चादर चढ़ाते?

गुढ़ा ने दरगाह को गंगा-जमुनी तहजीब का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह स्थान सांप्रदायिक सौहार्द और एकता का उदाहरण है। उन्होंने निचली अदालत के मजिस्ट्रेट को सलाह दी कि इस प्रकार के आदेशों से बचा जाना चाहिए, जो समाज में विवाद और टकराव का कारण बनें।

जनता बुनियादी समस्याओं से जूझ रही है

पूर्व मंत्री ने कहा कि राजस्थान की जनता आज भी शिक्षा, पानी, रोजगार, और महंगाई जैसी बुनियादी समस्याओं से जूझ रही है, लेकिन सरकारें हिंदू-मुस्लिम मुद्दों को भड़काने में लगी हैं। उन्होंने सवाल किया कि आजादी के इतने सालों बाद भी आम जनता की जरूरतें क्यों पूरी नहीं हो रही हैं।

बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार पर मोदी सरकार चुप क्यों?

गुढ़ा ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश पर दबाव क्यों नहीं बनाते और हिंदुओं के बचाव में कड़े कदम क्यों नहीं उठाते। उन्होंने यह तक कहा कि अगर जरूरत हो तो मिसाइल अटैक करने से भी पीछे नहीं हटना चाहिए।

राजनीतिक बयानबाजी तेज

अजमेर शरीफ दरगाह को लेकर जारी विवाद ने राजनीतिक बयानबाजी को और तेज कर दिया है। जहां एक ओर मामले की सुनवाई कोर्ट में जारी है, वहीं दूसरी ओर इसे लेकर नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया से समाज में बहस का माहौल गर्म होता जा रहा है। इस मामले में आगे क्या फैसला आएगा, इस पर सभी की नजरें टिकी हैं।

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