राकेश चतुर्वेदी, भोपाल: मध्यप्रदेश के धार स्थित भोजशाला को लेकर इंदौर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। मामले में हिंदू संगठन ने याचिका में परिसर पर कब्जा देने और नमाज बंद कराने की मांग की है। कोर्ट ने ASI, भारत सरकार और भोजशाला कमेटी को नोटिस जारी किया है। इस मामले में बीजेपी प्रवक्ता राजपाल सिसोदिया का कहना है कि भोजशाला का विषय न्यायालय में विचाराधीन है। न्यायालय में मामला है इसलिए बहुत कुछ कहने की आवश्यकता नहीं है। भोजशाला मामले में जनभावना यह है कि वहां दर्शन होना चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता स्वदेश शर्मा ने कहा कि देश संविधान से चलता है। संविधान कहता है सभी धर्म को स्वतंत्रता है। ऐसे मामलों में न्यायालय सर्वमान्य रहता है। भोजशाला मामले में न्यायालय का फैसला सर्वमान्य होगा।
इंडिया काजी बोर्ड का बयान भी आया सामने
इस मामले में इंडिया काजी बोर्ड के प्रवक्ता अब्दुल समद का बयान भी आया है। इंडिया काजी बोर्ड के प्रवक्ता ने कहा कि हमारी उम्मीदें अदालतों से हैं। हमारी उम्मीदें हुकूमतों से हैं। मुसलमान मुल्क के प्रति पाबंद रहे हैं। हमारा फैसला मुल्क तय करेगा। हमारी यही गुजारिश है कि न्यायालय फैसले हक की बुनियाद पर लें।
भोजशाला कॉम्प्लेक्स में मंदिर होने का दावा
बता दें कि इंदौर हाईकोर्ट में भोजशाला को लेकर जस्टिस रूसी और जस्टिस केशरवानी की बेंच पर पिटीशन दायर की गई है। एक संस्था हिन्दू संघ फॉर जस्टिस के द्वारा मांग की है कि भोजशाला कॉम्प्लेक्स एक मंदिर है जिसे राजा भोज ने 1034 में संस्कृत पढ़ाने के लिये बनवाया था और मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित थी। हिंदू मंदिर के एक हिस्से को आक्रान्ताओं ने मुस्लिम काल में तोड़ दिया और उस पर कब्जा करके उसको कमाल मौलाना मस्जिद कहने लगे, जबकि वह मस्जिद नहीं है। बतौर सबूत किताब, गजेटियर और बुक्स पेश किया गया है।
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