कपिल मिश्रा, शिवपुरी: मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में करीब 40 दलित परिवारों ने बौद्ध धर्म अपना लिया। इस दौरान सैंकड़ों लोगों ने एकसाथ शपथ ली की हम ब्रह्मा, विष्णु, महेश को कभी ईश्वर नहीं मानेंगे और न ही उनकी पूजा करेंगे। धर्म परिवर्तन करने वालों का कहना है कि गांव में उनके साथ छुआछूत की जाती है।

शिवपुरी जिले में करैरा के ग्राम बहगवां में जाटव समाज के लोगों ने एक धार्मिक आयोजन में हुए अपमान के बाद हिन्दू धर्म को त्याग करने का फैसला किया। 40 परिवारों ने सनातन धर्म को त्याग कर बौद्ध धर्म अपना लिया है। इसका एक विडियो भी सामने आया है।

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भंडारे में जूठी पत्तल उठाने का काम सौंपा

जानकारी के अनुसार मुताबिक बहगवां गांव में सभी ग्रामीणों ने मिलकर 25 साल बाद गांव में भागवत कथा का आयोजन किया था। अलग-अलग समाज को अलग-अलग काम सौंपे गए। जाटव समाज को भंडारे में जूठी पत्तल उठाने का काम सौंप दिया गया। इस बात को लेकर जाटव समाज के लोग आहत हुए और एकजुट होकर हिंदू धर्म का परित्याग करने का फैसला किया।

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सरपंच ने आरोपों को बताया निराधार

भागवत कथा के भंडारे से एक दिन पहले 31 जनवरी को जाटव समाज के 40 परिवारों ने बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया और हिंदू धर्म का त्याग करने की शपथ ली। वहीं गांव के सरपंच गजेंद्र रावत का कहना है कि जाटव समाज के आरोप पूरी तरह निराधार हैं।

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