रायपुर. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल पर तीखा हमला कर उन्हें उस बयान के लिए आड़े हाथों लिया है, जिसमें बघेल ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को महिलाओं की जासूसी के मद्देनजर महिला विरोधी सिद्ध करने की कोशिश की है.
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष कौशिक ने तल्ख तेवर दिखाकर बघेल पर हमलावर होकर कहा कि सेक्स सीडी और अपनी ही पार्टी के प्रदेश प्रभारी के विरुद्ध सीडी व स्टिंग की साजिश के आरोपों में फंसे बघेल जैसे नेताओं की यह हैसियत नहीं है कि वे भाजपा अध्यक्ष शाह को महिलाओं के सम्मान की सीख दें. कौशिक ने बघेल को याद दिलाया कि महिलाओं की अस्मिता और जिंदगी से खिलवाड़ कर उन्हें खत्म तक कर देने का खूनी चरित्र कांग्रेस ने देश को दिखाया है. मॉडल जेसिका लाल, प्रियदर्शिनी मट्टू हत्याकांड और नैना साहनी के मामले इस बात के गवाह हैं. कांग्रेस के एक प्रभावशाली नेता विनोद शर्मा के बेटे मनु शर्मा ने मॉडल जेसिका लाल की 1999 में गोली मारकर हत्या कर दी थी.
जनवरी 1996 मे लॉ स्टूडेंट प्रियदर्शिनी मट्टू की बलात्कार करने के बाद हत्या की गई थी, जिसका आरोपी संतोष कुमार उम्रकैद काट रहा है. इससे ठीक पहले जुलाई 1995 में कांग्रेस कार्यकर्ता नैना साहनी की उनके ही एमएलए पति ने हत्या कर दी थी और बाद में नैना के शव के टुकड़े कर तंदूर में जलवाया था. बताना जरूरी नहीं कि इन मामलों में या तो पीड़ित पक्ष कांग्रेस का था या फिर सजा काट रहे अपराधी कांग्रेस से जुड़े थे. इन दोषियों की जल्द रिहाई के आवेदन को दिल्ली सरकार के बोर्ड ने गुरुवार को ही खारिज किया हैं.
कौशिक ने कहा कि छत्तीसगढ़ के ही कांग्रेस की विद्यार्थी इकाई की एक कार्यकर्ता ने इकाई के अध्यक्ष पर यौन प्रताड़ना का आरोप लगाया है. पहले बघेल अपना घर तो संभाल लें, फिर दूसरों पर उंगली उठाने की जहमत पालें. अपने कांग्रेसी चरित्र का परिचय देकर सेक्स सीडी को घर-घर पहुंचाकर महिलाओं की अस्मिता का खुला अपमान करके बघेल महिलाओं के सम्मान की बात किस मुंह से कर रहे हैं? बाद में अपने पाप को जेल-बेल के खेल से छिपाने का शर्मनाक कृत्य करके बघेल ने फिर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी के खिलाफ सीडी और स्टिंग में खुद को संलिप्त करने का अनैतिक कार्य भी किया है.
कौशिक ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने महिलाओं की अस्मिता, आत्मसम्मान और प्रतिभा का सम्मान कर महिला सशक्तिकरण की अनेक योजनाएं अमल में लाई हैं. स्काई योजना में छत्तीसगढ़ की महिलाओं को मोबाइल देना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, नोनी सुरक्षा योजना, प्रदेश में राशन कार्ड पर महिला मुखिया का नाम देने का निर्णय, जमीन रजिस्ट्री में दो प्रतिशत की छूट, कन्यादान योजना, सरस्वती साइकिल योजना, संस्थागत प्रसव को बढ़ावा, शिशु और मातृ मृत्यु दर में कमी, महिलाओं की रोजगार की पुख्ता व्यवस्था, पीएससी में छत्तीसगढ़ की महिलाओं की आयु सीमा 45 वर्ष करना आदि ऐसी उपलब्धियां भाजपा की सरकार के खाते में हैं.
जन्म से लेकर आजीवन महिलाओं के हित की चिंता करके उनके स्थायी सशक्तिकरण की सोच केवल भाजपा के राजनीतिक चिंतन से ही संभव है. इतना ही नहीं, भाजपा सरकार ने पंचायती राज में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण तो दिया ही है, भाजपा ने अपने संगठनात्मक ढांचे में भी 33 फीसदी महिलाओं को अवसर देकर उन्हें अपनी राजनीतिक शक्ति से भी परिचित कराया है. इतना सब करके ही भाजपा महिलाओं की सुरक्षा, स्वतंत्रता और सम्मान की हुंकार भर रही है. बघेल जैसे नेताओं की तो नियति ही यही है कि महिलाओं को उपभोग की वस्तु मानकर सीडी कांड रचते रहें और बाद में मिमियाते हुए अपने अपराधों को ढांकने की नाकाम और नापाक कोशिशें करते रहें.