कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। ग्वालियर हाईकोर्ट ने रैगिंग मामले की सुनवाई में एक अहम टिप्पणी की है। गुरुवार को हाईकोर्ट में छात्र सचिन भदोरिया की याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें हाई कोर्ट ने सचिन के खिलाफ दर्ज रैंकिंग की FIR निरस्त करने का आदेश दिया है। साथ ही सचिन को विश्विद्यालय में 7 दिन तक कम्युनिटी सर्विस करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही हाईकोर्ट ने यूनिवर्सिटी से कहा कि “रैगिंग करने वाले छात्रों के माता-पिता को विश्वविद्यालय में बुलाएं, इससे छात्रों का ईगो पिघलेगा।

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दरअसल, ग्वालियर हाई कोर्ट ने रैगिंग मामले की सुनवाई करते हुए आरोपी छात्र को अनोखी सजा दी। साथ ही टिप्पणी करते हुए विश्वविद्यालय को भी निर्देश दिए हैं। बतादें कि 26 जून 2023 को सचिन पर रैगिंग का केस दर्ज हुआ था। सचिन ने अपने जूनियर अनुज राजावत सहित अन्य छात्रों के साथ रैगिंग के नाम पर मारपीट की थी। इस मामले में पीड़ित छात्रों ने विश्वविद्यालय थाने में शिकायत की थी। जिसमें जांच के बाद सचिन के खिलाफ रैगिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। इस मामले में आरोपी छात्र सचिन और फरियादी अनुज राजावत के बीच सुलह समझौता हो गया।

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इस आधार पर सचिन ने हाई कोर्ट से अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर निरस्त करने के लिए गुहार लगाई थी। हाईकोर्ट ने याचिका की सुनवाई के बाद रैगिंग की एफआईआर निरस्त कर दी। वहीं आरोपी छात्र सचिन को लाइब्रेरी में 7 दिन कम्युनिटी सर्विस के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने विश्वविद्यालय से कहा कि “रैगिंग करने वाले छात्रों के माता-पिता को विश्वविद्यालय में बुलाएं, इससे छात्रों का ईगो पिघलेगा”। वहीं ये भी बताएं कि अपने रेगिग रोकने के लिए क्या इंतेजाम किए हैं। इसकी रिपोर्ट कोर्ट ने तलब की है।

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