कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश पटवारी भर्ती परीक्षा को जांच आयोग द्वारा क्लीन चिट दिए जाने के साथ ही घोषित परिणामों के आधार पर नियुक्ति के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इसे लेकर अब सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस ने भर्ती परीक्षा फर्जीवाड़े की जांच और उसको क्लीन चिट दिए जाने पर सवाल खड़े किए है। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने भी पलटवार करते हुए सलाह दी है कि यदि जांच रिपोर्ट पर भरोसा नहीं है, तो न्यायालय की शरण में जाएं सिर्फ आरोप लगाने से कुछ नहीं होता है।
दरअसल, मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल के द्वारा नवंबर 2022 में ग्रुप डी के 9200 पदों के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था। जिसके बाद आयोजित परीक्षा और रिजल्ट में धांधली का आरोप लगाया गया था। ग्वालियर के NRI कॉलेज से पटवारी परीक्षा के टॉप 10 टॉपर्स में से 7 अभ्यर्थियों ने इसी कॉलेज में परीक्षा दी थी। ऐसे में अब लंबी जांच के बाद कमेटी ने क्लीन चिट देते हुए चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति के निर्देश दिए है।
बड़ी खबर: पटवारी भर्ती परीक्षा को मिली क्लीन चिट, रिजल्ट के आधार पर नियुक्ति के दिए निर्देश
कांग्रेस ने खड़े किए सवाल
इस मामले पर अब एक बार फिर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार ने सवाल खड़े करते हुए कहा है कि शुरू से ही इस फर्जी वाले को लेकर अपनी बात रखी थी और जांच की मांग की थी जिस पर तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जांच के निर्देश दिए थे। लेकिन इस फर्जीवाड़े में भाजपा के नेता और लोग शामिल थे। उन्हें बचाने के लिए अब इस जांच को दबाते हुए क्लीन चिट दे दी गई है। इस घोटाले में अब सबको दोष मुक्त कर दिया गया है। लाखों छात्रों के साथ BJP ने अन्याय किया है। इसका भुगतान भारतीय जनता पार्टी को आने वाले वक्त में भुगतना होगा।
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बीजेपी का पलटवार
वहीं कांग्रेस के आरोप पर बीजेपी की ओर से सांसद विवेक नारायण शेजवलकर का कहना है कि जिस तरह से रिजल्ट आया था, तब कुछ लोगों के मन में शंका थी कि इसमें गड़बड़ी हुई है। इस कारण मामले की जांच के आदेश दिए गए थे। अब जांच पूरी हो चुकी है और जो रिपोर्ट सामने आई है, उसके अनुसार सरकार कार्रवाई कर रही है। इस मामले की जांच पूरी हो चुकी है, कांग्रेस के आरोप लगाने से कुछ नहीं होता है यदि उन्हें परेशानी है तो लीगल स्टेप उठाएं। सिर्फ बोलने मात्र से कुछ नही होता है।
ये है पूरा मामला
गौरतलब है कि पटवारी भर्ती परीक्षा 15 मार्च से 26 अप्रैल के बीच 78 केंद्रों में आयोजित की गई थी। इसमें लगभग 12 लाख से अधिक विद्यार्थियों ने आवेदन किए थे, लेकिन परीक्षा में लगभग 9 लाख विद्यार्थी शामिल हुए थे। पटवारी भर्ती परीक्षा रिजल्ट जैसे ही 30 जून को जारी हुआ और 8617 सिलेक्ट हुए उम्मीदवारों की मेरिट लिस्ट जारी हुई। इसी दौरान ग्वालियर के NRI कॉलेज जिसे पटवारी भर्ती परीक्षा में परीक्षा केंद्र बनाया गया था।
इस NRI कॉलेज से 10 में से 7 स्टूडेंट टॉप 10 में आए, तभी से इस पटवारी भर्ती परीक्षा में धांधली के आरोप लगने लगे। कॉंग्रेस की ओर से जमकर सियासत की गई। जिसके बाद पटवारी भर्ती परीक्षा रोकी गई। साथ ही तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जांच कमेटी गठित कर जांच के निर्देश दिए थे। जिसकी जांच रिपोर्ट अब सामने आई है और भर्ती परीक्षा में धांधली जैसे आरोपों को गलत बताते हुए क्लीन चिट दी गई है।
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