देश की सियासत का वो सिकंदर जो कभी नहीं हारा। भारत में सबसे लंबे समय तक सेवारत लोकसभा सदस्यों में से एक कमलनाथ कांग्रेस पार्टी के वरिष्‍ठ नेता होने के साथ-साथ मध्‍य प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री भी रह चुके हैं। वे केंद्र सरकार में मनमोहन सरकार के दौरान केंद्रीय शहरी विकास मंत्री भी रह चुके हैं। 1980 में कमलनाथ छिंदवाड़ा निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा में चुने गए थे।

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कांग्रेस पार्टी में अब सब कुछ ठीक थोड़ा नजर नहीं आ रहा है। प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज होते जा रहे हैं। उन्होंने शनिवार को अपना छिंदवाड़ा द्वारा भी रद्द किया और दिल्ली के लिए रवाना हो गए। उनके साथ बेटे सांसद नकुलनाथ भी दिल्ली पहुंचे हैं। कमलनाथ का सियासी सफर कैसा रहा? कांग्रेस में किन-किन पदों पर वह रह चुके हैं ? आइए जानते हैं उनका कार्यकाल कैसा रहा।

कमलनाथ का बिजनेस टाइकून
कांग्रेस नेता कमलनाथ खुद में एक बिजनेस टाइकून हैं, उनके कारोबार की बात करें तो एविएशन, रियल एस्टेटस, हॉस्पिटलिटी और शिक्षा तक फैला हुआ है। कमलनाथ के पास कुल 187 करोड़ रुपए की संपत्ति भी है।

कमलनाथ का राजनीतिक जीवन

1980
सन 1980 में कांग्रेस नेता कमलनाथ छिंदवाड़ा निर्वाचन क्षेत्र से 7 वीं लोक सभा के लिए चुने गए थे। जहां उन्होंने जेएनपी के प्रतुल चंद्र द्विवेदी को हराया।

1985
सन 1985 में एक बार फिर वे छिंदवाड़ा से 8 वीं लोकसभा यानी दूसरी बार फिर से निर्वाचित हुए। तब उन्हें 1,16,537 वोट मिले थे।

1989
सन 1989 में कमलनाथ 9वीं लोक सभा यानी तीसरी बार फिर से निर्वाचित किए गए थे। उन्होंने जनता दल के माधव लाल दुबे को हराकर जीत हासिल कि थी

1991
सन 1991 में उन्हें 10 वीं लोकसभा यानी चौथी बारफिर से निर्वाचित किया गया था। उन्होंने बीजेपी के चौधरी चंदरभान को हराकर जीत हासिल कि थी।

1991-95
कमलनाथ पर्यावरण और वन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भी रह चुके हैं।

1995-96
इसके बाद सन 1995-96 में उन्‍होंने केंद्रीय वस्त्र राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में अपनी सेवाएं दीं।

1998
इसके बाद सन 1998 में उन्हें 12 वीं लोकसभा यानी 5वीं बार फिर से निर्वाचित किया गया।

1999
फिर1999 में वह 13 वीं लोकसभा यानी छठी बार फिर से निर्वाचित किया गया।

1999-2000
कमलनाथ ने वित्त पर स्थायी समिति के सदस्य के रूप में अपनी सेवाएं दीं।

2000-2004
इसके बाद सन 2000-2004 में वे खान और खनिज मंत्रालय के तहत सलाहकार समिति के सदस्य बने।

2001
वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव बने। इस पद पर कमलनाथ 2004 तक रहे।

2004
वह 14 वीं लोकसभा यानी 7वीं बार के लिए फिर से चुने गए।

2004
वहीं 23 मई 2004 से 2009 तक वे वाणिज्य और उद्योग के केंद्रीय कैबिनेट मंत्री बने

2009
कमलनाथ 15 वीं लोकसभा (8 वीं बार) के लिए फिर से चुने गए

2009
2009 से 2011 तक वे वह सड़क परिवहन और राजमार्गों के केंद्रीय कैबिनेट मंत्री रहे।

2011
19 जनवरी 2011 – 26 मई 2014 तक वे शहरी विकास के केंद्रीय कैबिनेट मंत्री रहे।

2012
इसके बाद 28 अक्‍टूबर 2012 – 26 मई 2014 तक वे संसदीय मामलों के केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में रहे।

2014
कमलनाथ 16 वीं लोकसभा यानी 9वीं बार के लिए फिर से चुने गए।

2014
कमलनाथ 04 जून – 06 जून 2014 तक लोकसभा के प्रो-टेम के अध्यक्ष रहे।

2014
वे वाणिज्य, वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय पर स्थायी समिति के सदस्य बने। वह परिवहन, पर्यटन और संस्कृति विधेयक, 2014 पर समिति के सदस्य चुने गये।

2018
2018 विधानसभा चुनाव में पार्टी का नेतृत्व करने के लिए कमलनाथ मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में चुने गए थे। वहीं दिसंबर में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के इसी कमल ने भाजपा के कमल को उखाड़ फेंका था। कांग्रेस ने 230 में से 114 सीटें जीत कर कमलनाथ को मुख्‍यमंत्री बनाया था।

2020
2020 में सरकार जाने के बाद कमलनाथ पीसीसी अध्यक्ष बन कर पार्टी का साथ निभाया।

2023
एक बार फिर 2023 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस मुखमंत्री पद के उम्मीदवार बन कर मैदान में उतरे लेकिन यहां कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा।

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