राकेश चतुर्वेदी, भोपाल: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल समेत कई शहरों में लोग आवारा कुत्तों के हमलों से परेशान है। इन हमलों को रोकने के लिए नगर निगम की ओर से कई प्रयास किए जा रहे हैं। कुत्तों को पकड़कर उन्हें शहर से बाहर किया जा रहा है। वहीं एनिमल लर्वस कुत्तों को शहर में ही रखने की वकालत कर रहे हैं। इस विवाद के बीच कई संगठन ऐसे भी हैं जो अवारा कुत्तों को नया जीवन दे रहे हैं।

भोपाल के डॉग लवर्स ने बेसहारा स्ट्रीट डॉग्स को गोद देने की शुरुआत की है। इसके लिए यह संस्था शहरभर में डॉग अडॉप्शन कैंप चला कर आम लोगों को स्ट्रीट डॉग्स को अडॉप्ट करा रही है। दूसरी तरफ एक सामाजिक संस्था ने सरकार से शहर की सुरक्षा में कुत्तों को योगदान लेने की मांग की है। भोपाल के इक्वल जस्टिस फाउंडेशन की मांग है कि कुत्तों को कम्यूनिटी डॉग का दर्जा दिया जाए। और सरकार सभी कॉलोनियों और पेट्रोल पंप पर इन डॉग्स के रहने की व्यवस्था करे।

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सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का नहीं हो रहा पालन

इक्वल जस्टिस फाउंडेशन की सदस्य बिंदू घाटपांडे का कहना है कि अवारा कुत्तों के हमलों के पीछे सबसे बड़ी वजह सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन न होना है। कुत्तों का टीकाकरण और नसबंदी नहीं हो रही है। इस वजह से कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है। संख्या ज्यादा होने से खाने की समस्या भी सामने है। कुत्तों को खाना नहीं मिलता इसलिए वे एग्रेसिव होते जा रहे हैं। शासन प्रशासन को साथ मिलकर काम करने की जरूरत हैं। शहर के हर इलाकों में फीडिंग प्वाइंट बनाए जाने चाहिए। खाना खिलाने वालों की कमी नहीं है।

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