प्रतीक चौहान. रायपुर. दल्ली राजहरा से भानुप्रतापपुर जा रही एक प्राईवेट ठेकेदार की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई. इस गाड़ी में आरपीएसएफ (RPSF) के जवान नाईट पेट्रोलिंग में निकले थे. हैरानी की बात ये है कि आरपीएफ नाईट पेट्रोलिंग वहां करवा रही है जहां अभी प्राईवेट ठेकेदार काम कर रहा है और उन्होंने रेलवे को अभी काम करने के बाद हेंडओवर नहीं किया है. लेकिन रायपुर रेल मंडल के एएससी-2 निर्मल एच टोप्पो का कहना है कि रेलवे प्रापर्टी में रखा या गड़ा सामान रेलवे का होता है, भले उसे ठेकेदार या आरवीएनएल (RVNL) ने रेलवे को हेंडओवर किया हो या न किया हो और उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी रेलवे की है और वे अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए प्राईवेट ठेकेदार की गाड़ी से आरपीएफ जवानों से पेट्रोलिंग करवा रहे है.
इस पूरे मामले का खुलासा लल्लूराम डॉट कॉम ने पहले ही किया था कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आरपीएफ अपने जवानों को सादी वर्दी में पेट्रोलिंग करवा रही है. लेकिन इस खुलासे के बाद भी आऱपीएफ के जिम्मेदारों ने कोई सुध नहीं ली और गुरुवार और शुक्रवार की दरम्यानी रात में हादसा हुआ, जिसमें आरपीएसएफ के एक जवान को सिर में चोट आई और बाकी जवानों को हल्की चोटें आई हैं.
क्या RPF आईजी के संज्ञान में है ये पेट्रोलिंग ?
अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि प्राईवेट ठेकेदार RPF को अपनी गाड़ी और पेट्रोल खर्च कर पेट्रोलिंग का खर्चा उठाकर क्यों देगा ? वहीं क्या ऐसी कोई पेट्रोलिंग की जानकारी दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के आईजी को है ? यदि नहीं तो लल्लूराम डॉट कॉम के पूर्व में खुलासे के बाद भी आईजी आरपीएफ ने इस गंभीर मामले को संज्ञान क्यों नहीं लिया ? इतना ही नहीं यदि रेलवे को हेंडओवर किए बिना ही यदि नाईट पेट्रोलिंग की जरूरत है तो भला रेलवे एक ठेकेदार की गाड़ी और पेट्रोल के भरोसे क्यों है? क्या आरपीएफ के पास अपना कोई फंड नहीं ?
इस संबंध में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के आरपीएफ आईजी (RPF IG) से पूरे मामले में पक्ष लेने उन्हें फोन किया गया. लेकिन उन्होंने फोन का जवाब नहीं दिया.
वहीं रायपुर रेल मंडल के एएससी-2 का कहना था कि रेलवे अधिनियम के मुताबिक रेलवे की जगह में रखी या गड़ा सामान रेलवे का होता है, जहां जवान पेट्रोलिंग कर रहे थे वहां ओएचई बिछाने का काम चल रहा है, इसलिए ये आरपीएफ की जिम्मेदारी है कि उसकी पेट्रोलिंग करवाए. लल्लूराम के पत्रकार ने जब उनसे ये पूछा कि तो फिर प्राईवेट ठेकेदार की गाड़ी और पेट्रोल क्यों ? तो बोले कि गाड़ी आरवीएनएल की थी. लल्लूराम टीम ने जब उनसे ये पूछा कि इस पेट्रोलिंग के संबंध में कोई आदेश है ? तो उन्होंने कहा कि आदेश की जरूरत नहीं है, वहां काम चल रहा है और पेट्रोलिंग कराना हमारी जिम्मेदारी है.
लल्लूराम ने उनसे ये भी पूछा कि कही प्राईवेट ठेकेदार को फोयदा पहुंचाने के लिए अनाधिकृत रूप से पेट्रोलिंग तो नहीं करवाई जा रही है ? तो उन्होंने कहां, नहीं ऐसा कुछ भी नहीं है.
31 जनवरी को लल्लूराम डॉट कॉम ने किया था खुलासा, ये है वो पूरी खबर
छत्तीसगढ़: नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में RPF जवानों से बिना हथियार अकेले करवा रही पेट्रोलिंग!