प्रतीक चौहान. रायपुर. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आरपीएफ अकेले जवानों से पेट्रोलिंग करवा रही है. आरपीएफ (RPF) के सूत्रों ने दावा किया है कि रेलवे ट्रैक में जहां ओएचई लाईन बिछाने का काम चल रहा है वहां जवानों से 3 शिफ्ट में पेट्रोलिंग करवाई जा रही है. इसमें दो शिफ्ट में आरपीएफ (RPF) के जवान बिना हथियार अकेले ही पेट्रोलिंग कर रहे है.

जवानों को पेट्रोलिंग के वक्त वहां फोटो खिंचवाने के भी आदेश दिए गए है. जिसके वजह से जवान वहां जाकर फोटो खिंचवाकर आरपीएफ के उच्च अधिकारियों को भेजते है. अब सवाल ये है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 35-40 किलोमीटर की पेट्रोलिंग अकेले करवाने के निर्देश बिना वर्दी के किसने दिए है ?

सूत्रों का तो ये भी दावा है कि दिन में वे बाईक से और रात में वे कार से पेट्रोलिंग में जाते है.

आरपीएफ अधिकारियों को हथियार की चिंता, जवान की नहीं ?

सूत्रों का दावा है कि अकेले पेट्रोलिंग में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पेट्रोलिंग करने जा रहे जवान को हथियार नहीं दिया जाता है. इसके पीछे की वजह संभवत:  ये है कि नक्सली घटना के बाद हथियार लेकर न भाग जाए. लेकिन सवाल ये है कि आरपीएफ के लिए हथियार महत्वपूर्ण है या जवान ?

किसके पेट्रोल से हो रही पेट्रोलिंग ?

ये आरपीएफ के लिए जांच का विषय है कि जो जवान पेट्रोलिंग में जा रहे है वो क्या शासकीय गाड़ी में जा रहे है ? या प्राईवेट गाड़ी में ? यदि गाड़ी शासकीय है तो पेट्रोल भी शासकीय है या गाड़ियों में पेट्रोल कोई और डलवा रहा है!

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