शिखिल ब्यौहार, भोपाल. सरकार ने बीते विधानसभा चुनाव के दौरान किसानों से 2700 रुपये प्रति क्विटंल गेहूं और 3100 रुपये प्रति क्विटंल धान खरीदी का वादा किया। किसानों से किए बीजेपी के इस वादों को पूरा करने के लिए आरएसएस का अनुषांगिक संगठन भारतीय किसान संघ ने मंगलवार को पूरे प्रदेश में जिला मुख्यालय पर धरना दिया। अब 15 मार्च तक बड़े आंदोलन की तैयारी किसान संघ ने शुरू कर दी है।
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किसान संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि सरकार किसानों के साथ आतंकवादियों जैसा व्यवहार कर रही है। यही कारण है कि बुधवार को हुए आंदोलन में शामिल होने पहुंच रहे किसानों को राजधानी की सीमाओं पर रोका। पदाधिकारियों से भी अभद्र व्यवहार किया गया। जबकि किसान संघ राष्ट्रवादी संगठन है और शांतिपूर्ण तरीके से ज्ञापन सौंपने का ऐलान संघ द्वारा किया गया था। पदाधिकारियों ने बताया कि सरकार को साल 2010 को याद रखना चाहिए। तब पांच लाख से ज्यादा किसानों ने भोपाल को बंधक बनाया था। यदि मांग नहीं मानी तो इस इतिहास को दोहराने के लिए किसान तैयार हैं।
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सर्वे भी नहीं हुआ शुरू, अन्नदाता परेशान
किसान संघ ने आरोप लगाया कि बीते दिनों प्रदेश में हुई बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। लेकिन, सरकार ने सिर्फ बैठकों और दौरे के अलावा कुछ नहीं किया। अब तक अधिकांश क्षेत्रों में फसल नुकसान का सर्वे शुरू नहीं हो सका है। दूसरी ओर खाद की कालाबाजारी और नकली बीज का धंधा भी किया जा रहा है। सरकार कुंभकर्णी नींद से जाग नहीं पा रही है। लिहाजा बड़े आंदोलन के जरिए सरकार को नींद से जगाने का काम किसान संघ करेगा।
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