शिखिल ब्यौहार, भोपाल। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले मध्य प्रदेश में बड़े स्तर पर सीनियर अफसरों से लेकर जूनियर कैडर के अधिकारियों के तबादले हुए। तड़के सुबह 37 आईएएस अधिकारी, दोपहर में 47 आईपीएस तो शाम होते-होते 09 आईएएस अफसरों के ट्रांसफर की लिस्ट मंत्रालय से फिर सामने आई। इसके अलावा आबकारी विभाग, डीईओ, वाणिज्य विभाग के अफसरों के भी तबादलों की झड़ी लगी।
मामले को लेकर एक बार फिर सियासत गर्म हो गई है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी नेता और मंत्री ट्रांसफर उद्योग प्रदेश में चला रहे हैं। बीजेपी के नेता और मंत्री इस उद्योग से ही अरबपति हो रहे हैं। यह वहीं पार्टी है जिसने बीती कमलनाथ सरकार पर तबादलों को लेकर आरोप लगाए थे। जबकि आंकड़ों के साथ तबादलों की वजह साफ बयां कर रही है कि मनचाही पोस्टिंग के लिए प्रदेश में करोड़ों-अबरों का खेल बीजेपी सरकार खेल रही है।
कांग्रेस की बीजेपी को नसीहत
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता मिथुन अहिरवाल ने नसीहत दी कि प्रदेश की सेवा करने में बीजेपी के नेता और मंत्री अपना ध्यान लगाएं। इन तबादलों की वसूली भी अधिकारी जनता से ही करेंगे। लिहाजा अपने इस गोरखधंधे को बंद करें। उधर, बीजेपी प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने पलटवार करते हुए कहा कि किसकी सरकार में तबादलों के नाम पर क्या हुआ यह जनता भली भांति जानती है।
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तबादलों की सूची जारी होना स्वाभाविक
प्रदेश में सुशासन के लिए प्रशासनिक बदली की जाती है। साथ ही लोकसभा चुनाव और इलेक्शन कमीशन के निर्देश पर भी तबादलों की सूची जारी होना स्वाभाविक है। आशीष अग्रवाल ने कहा कि बीजेपी की तुलना कांग्रेसी अपनी करनी से करें। जनता इन्हें बीते विधानसभा चुनाव में सबक सिखा चुकी है। बचा जवाब लोकसभा चुनाव में जनता कांग्रेस को देगी।
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