रायगढ़. जिला मुख्यालय से 7-8 किलो मीटर की दूरी पर स्थित रेगड़ गांव में जंगली हाथियों के उपद्रव चरम पर है. जंगल से निकलकर ग्रामीण इलाके में आये हाथियों के द्वारा काफी नुकसान किया जा रहा है. किसानों के खेत में खड़ी फसल को चौपट कर रहे है. रेगड़ा के नहर (नहर डीपा) क्षेत्र जो कि जंगल से सटा हुआ है. बीती रात करीब 8.00 बजे हाथियों ने आस-पास के कई खेतों में खड़ी फसलों को तहस-नहस कर दिया. ग्रामीण किसान कीर्ति उरांव और भोगीलाल साहू ने बताया कि जंगल विभाग के अधिकारियों को सूचित करने के बाद भी गांव से हाथियों को हटाने में लापरवाही बरती जा रही है.

जान बचाने के लिए मजबूर ग्रामीण

जंगली हाथियों का झुंड़ जब गावों में प्रवेश करता है तो गांव से बच्चे-बूढे जान बचाने के लिए छिपना पड़ता है. ग्रामीणों ने बताया कि गुस्साये जंगली हाथियों के द्वारा गांवों घरों में तोड़-फोड़ की जाती है. वहीं बीते दिनों शौच के लिए जा रही एक महिला को दंतैल हाथी ने पैर से कुचल कर मौत के घाट उतार दिया था.

बर्बाद हुई फसल के मुआवजे की मांग

बीते रात जंगली हाथियों के झुंड़ के द्वारा रौदी गई फसल, की सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी गई.हाथियों के द्वारा चौपट की  गई फसल की मुआयना करने कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा. वहीं किसानों ने चौपट फसल की शासन से मुआवजे की मांग किया. किसानों ने बताया कि अभी तक विभाग के द्वारा भुगतान के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली.