Lok Sabha Elections 2024. यूपी की मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से बीजेपी ने लगातार तीसरी बार मौजूदा सांसद डॉक्टर संजीव बालियान पर विश्वास जताते हुए उन्हें पार्टी उम्मीवार घोषित किया है. डॉ संजीव बालियान ने 2019 में रालोद अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह को, जबकि 2014 में बसपा के सिटिंग एमपी कादिर राणा को 5 लाख से अधिक मतों से हराया था. इस बार सपा ने मुजफ्फरनगर सीट से पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक को पार्टी उम्मीदवार बनाया है. इस चुनाव में भाजपा और सपा के बीच काटे की टक्कर रहेगी.

मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट में कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है. बीजेपी उम्मीदवार संजीव बालियान 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने बीएसपी के उम्मीदवार कादिर राणा को बड़े अंतर से हराया था और 2014 में वह मोदी सरकार की पहली कैबिनेट में कृषि मंत्री भी बने थे. इसके अलावा उन्होंने कुछ और मंत्रालयों में बतौर राज्य मंत्री जिम्मेदारी संभाली थी.

संजीव बालियान 2019 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर बीजेपी के टिकट पर मैदान में उतरे और बेहद करीबी मुकाबले में तत्कालीन आरएलडी सुप्रीमो चौधरी अजित सिंह को हराया. भाजपा ने इस बार 2024 में फिर तीसरी बार मुजफ्फरनगर सीट पर भराेसा जताया है.

मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से मौजूदा सपा प्रत्याशी हरेंद्र सिंह मलिक ने अपने शुरुआती चार विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज की थी. हालांकि इसके बाद लड़े एक विधानसभा चुनाव और 4 लोकसभा चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. हरेंद्र की पहली चुनावी जीत खतौली विधानसभा सीट से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के रूप में हुई थी.

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बाद में 1998, 1999 में बीजेपी और 2009 में बीएसपी के टिकट पर मुजफ्फरनगर से उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार मिली. बीजेपी ने 2019 में भी उन्हें कैराना से टिकट दिया था, लेकिन उनकी किस्मत रूठी ही रही और उन्हें एक फिर पराजय का सामना करना पड़ा.

पिछले तीन चुनावों की बात करें तो दो बार BJP उम्मीदवार और एक बार BSP उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है. 2009 के लोकसभा चुनावों में बहुजन समाज पार्टी के कादिर राणा ने राष्ट्रीय लोकदल की अनुराधा चौधरी को करीब 21 हजार मतों से मात दी थी. उन चुनावों में हरेंद्र सिंह मलिक ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था और चौथे नंबर पर रहे थे.

2014 के लोकसभा चुनावों में मोदी लहर पर सवार संजीव बालियान ने 4 लाख से भी ज्यादा मतों के अंतर से बसपा प्रत्याशी कादिर राणा को मात दी थी. 2019 में राष्ट्रीय लोकदल के तत्कालीन नेता चौधरी अजित सिंह मैदान में उतरे लेकिन उन्हें एक बार फिर बालियान के हाथों सिर्फ लगभग 7 हजार मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा.

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