नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विभिन्न प्रावधानों के कथित उल्लंघन के लिए विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) के तहत पांच गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) का पंजीकरण रद्द कर दिया है. पंजीकरण रद्द होने के साथ ये एनजीओ अब विदेशी योगदान प्राप्त नहीं कर पाएंगे और न ही मौजूदा उपलब्ध धन का उपयोग कर पाएंगे. इसे भी पढ़ें : झूठा और दुर्भावनापूर्ण : पाकिस्तान में मोसाद जैसी हत्या कराने के आरोपों से भारत का इंकार…
गृह मंत्रालय ने जिन पांच एनजीओ के खिलाफ कार्रवाई की है, उनमें वॉलंटरी हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया, सीएनआई सिनोडिकल बोर्ड ऑफ सोशल सर्विसेज, इंडो-ग्लोबल सोशल सर्विस सोसाइटी, चर्च ऑक्जिलरी फॉर सोशल एक्शन और इवेंजेलिकल फेलोशिप ऑफ इंडिया शामिल हैं.
गृह मंत्रालय से मिले आंकड़ों के अनुसार, 2012 के बाद से कुल मिलाकर 20,721 एफसीआरए पंजीकरण रद्द किया जा चुका है. 2012 में 3,924 एफसीआरए रद्द किए गए, 2013 में चार, 2014 में 59, 2015 में 10,002, 2016 में 6, 2017 में 4,863, 2018 में एक, 2019 में 1,839, 2020 में शून्य, 2021 में तीन, 2022 में 15 और 2023 में चार.
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1 फरवरी तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 2012 से लेकर अब तक तमिलनाडु में सबसे ज्यादा 2,580 एफसीआरए पंजीकरण रद्द किए गए. इसके बाद महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में 2,025, उत्तर प्रदेश में 1,820 और पश्चिम बंगाल में 1,717 एफसीआरए पंजीकरण रद्द किए गए हैं.
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, दूसरी ओर 2012 से 4,905 एफसीआरए पंजीकरण जारी/नवीनीकरण किए गए. 2012 में 510 पंजीकरण जारी/नवीनीकृत किए गए, 2013 में 435, 2014 में 328, 2015 में 175, 2016 में 332, 2017 में 437, 2018 में 375, 2019 में 685, 2020 में 164, 2021 में 178, 2022 में 79 और 2023 में 1,111 एफसीआरए पंजीकरण जारी/नवीनीकरण किए गए.
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जिन पांच राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में अधिकतम एफसीआरए पंजीकरण/नवीनीकरण देखा गया वे हैं, उनमें महाराष्ट्र में 675, तमिलनाडु में 569, कर्नाटक में 489, दिल्ली में 462 और गुजरात में 370.
पिछले साल संसद में बताए गए आंकड़ों के अनुसार, 2019-2020 और 2021-2022 वित्तीय वर्षों के बीच 13,520 एफसीआरए-पंजीकृत संघों या एनजीओ द्वारा विदेशी योगदान में 55,741.51 करोड़ रुपए प्राप्त हुए.
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