नई दिल्ली। सेमी हाईस्पीड ट्रेन ‘वंदे भारत’ एक्सप्रेस रेलवे के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है. हाईटेक सुविधाओं से लैस इस ट्रेन को पर्याप्त संख्या में यात्री नहीं मिल रहे हैं, जबकि तुलनात्मक रूप से शताब्दी, राजधानी और भोपाल एक्सप्रेस की स्थिति इससे बेहतर है. इसे भी पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट ने दी बड़ी राहत, यूपी मदरसा कानून को रद्द करने वाले इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर लगाई रोक
भोपाल से दिल्ली तक चल रही शताब्दी, राजधानी और भोपाल एक्सप्रेस का उतनी ही अवधि का अनुमानित खर्च देखें, तो वंदे भारत ट्रेन पर होने वाला खर्च इनसे काफी ज्यादा है. यहां उसकी तुलना बेंगलुरू राजधानी, शताब्दी और भोपाल एक्सप्रेस से की जा रही है.
इसे भी पढ़ें : सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंचा भारत का विदेशी मुद्रा भंडार, आरबीआई गवर्नर दास ने किया खुलासा…
रेलवे सूत्रों के अनुसार, वंदे भारत पर ज्यादा खर्च होने का कारण उसके रैक में लगाए गए मल्टीपल लोकोमोटिव हैं. इनकी वजह से ट्रेन ज्यादा बिजली लेती है. वहीं अन्य ट्रेनों में एक-एक लोकोमोटिव लगाया गया है, जिससे बिजली खर्च काफी कम है. वंदे भारत में कई लग्जरी सुविधाएं और किराया ज्यादा होना भी घाटे के कारण में शामिल है.
इसे भी पढ़ें : गृह मंत्रालय ने पांच एनजीओ का पंजीयन किया रद्द, 2012 से 20 हजार से ज्यादा एनजीओ के खिलाफ हो चुकी है कार्रवाई…
ट्रेन चलाने पर आने वाला खर्च और आय कुल आय
दिल्ली वंदे भारत ₹75.23 करोड़
बेंगलुरू राजधानी ₹68.56 करोड़
आरकेएमपी शताब्दी ₹35.10 करोड़
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक