मुंबई। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 29 मार्च को ऐतिहासिक ऊंचाई हासिल करते हुए $645.6 बिलियन तक पहुंच गया. इस बात का खुलासा आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने किया है. इसे भी पढ़ें : गृह मंत्रालय ने पांच एनजीओ का पंजीयन किया रद्द, 2012 से 20 हजार से ज्यादा एनजीओ के खिलाफ हो चुकी है कार्रवाई…

गवर्नर दास ने नकद जमा के लिए यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के उपयोग का विस्तार करने की योजना का अनावरण किया. वर्तमान में कैश डिपॉजिट मशीन (सीडीएम) के माध्यम से नकदी जमा करने के लिए मुख्य रूप से डेबिट कार्ड की आवश्यकता होती है.

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एटीएम पर यूपीआई-सक्षम कार्डलेस नकद निकासी की सफलता से आकर्षित होकर आरबीआई ने इस सुविधा को सीडीएम में नकद जमा तक बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है. इस कदम का उद्देश्य ग्राहकों की सुविधा बढ़ाना और बैंकों में मुद्रा-हैंडलिंग प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना है.

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गवर्नर दास ने आगे कहा कि सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड में व्यापक अनिवासी भागीदारी की सुविधा के उद्देश्य से, आईएफएससी (अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र) में इन बॉन्ड में निवेश और व्यापार के लिए एक योजना बहुत जल्द अधिसूचित की जाएगी.