Somvati Amavasya 2024 : हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है. यदि इस दिन सोमवार पड़ता है तो इसे सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है. इस बार सोमवती अमावस्या के साथ साल का पहला सूर्यग्रहण होगा. चैत्र मास की अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त तर्पण, पवित्र नदियों में स्नान, दान-पुण्य और दीपदान करने का बहुत महत्व है.

इस दिन विवाहित स्त्रियों द्वारा पीपल के वृक्ष की दूध, जल, पुष्प, अक्षत, चन्दन इत्यादि से पूजा और वृक्ष के चारों ओर 108 बार धागा लपेट कर परिक्रमा करने का विधान होता है. मान्यता है कि सोमवती अमावस्या के दिन कुछ धार्मिक उपाय करने से प्राणी के जीवन में सुख-शांति आती है.

सोमवती अमावस्या उपाय (Somvati Amavasya 2024)

अमावस्या वाली रात्रि को 5 लाल फूल और 5 जलते हुए दीये बहती नदी के पानी में छोड़ें. इस उपाय से धन का लाभ प्राप्त होने के प्रबल योग बनेंगे. शाम के समय घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक लगाएं. बत्ती में रूई के स्थान पर लाल रंग के धागे का उपयोग करें. साथ ही दीये में थोड़ी-सी केसर भी डाल दें.

पितरों का तर्पण और पिंडदान किया जाता है

सोमवती अमावस्या पितरों को समर्पित होता है. इस दिन पितरों का तर्पण और पिंडदान किया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि सोमवती अमावस्या पर पितरों का तपर्ण करने से व्यक्ति को पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. साथ ही पितरों के आशीर्वाद से व्यक्ति के जीवन में व्याप्त समस्त प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं..

सूर्य ग्रहण कहां कहां दिखेगा?

साल का पहला सूर्य ग्रहण चैत्र अमावस्या पर आज लगने जा रहा है. सूर्य ग्रहण आज रात 9 बजकर 12 मिनट से शुरू हो जाएगा और इसका समापन रात 2 बजकर 22 मिनट पर होगा. इस सूर्यग्रहण का मध्य समय रात 11 बजकर 47 मिनट पर होगा. सूर्य ग्रहण की अवधि 05 घंटे 10 मिनट की होगी. यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा. कनाडा, उत्तरी अमेरिका, मैक्सिको में दिखाई देगा. इसके अलावा कोस्टा रिका, क्यूबा, डोमिनिका, फ्रेंच पोलिनेशिया, जमैका, आयरलैंड, इंग्लैंड के उत्तर पश्चिम क्षेत्र, पश्चिमी यूरोप, पेसिफिक, अटलांटिक, आर्कटिक में ये ग्रहण दिखेगा.