टेलीकॉम कंपनियों ने अपने ओवरऑल पोर्टफोलियो में कोई बहुत बड़ा बदलाव पिछले कुछ सालों में नहीं किया है. यहां तक ही 5G सर्विस के लॉन्च के बाद भी हमें टैरिफ प्राइस में हाइक देखने को नहीं मिला है, जो जल्द ही हो सकता है. मार्केट एनालिस्ट का ऐसा मानना है. Antique Stock Broking का कयास है कि लोकसभा चुनाव के बाद 15 से 17 परसेंट का प्राइस हाइक देखने को मिल सकता है. ये प्राइस हाइक jio और भारती एयरटेल के प्लान्स में देखने को मिलेगा.
कब हुआ था बड़ा हाइक
एक रिपोर्ट के मुताबिक, आखिरी प्राइस हाइक 20 परसेंट का देखने को मिला था, जो दिसंबर 2021 में हुआ था. अनुमान है कि भारती एयरटेल अपना ARPU सुधारने की कोशिश कर रही है. कंपनी वित्तवर्ष 2027 तक अपने एवरेज रेवेन्यू पर यूजर को 208 रुपये से बढ़ाकर 286 रुपये तक पहुंचा सकती है. ये कयास कई वजहों से लगाया गया है. इसमें टैरिफ हाइक्स, 2G से 4G पर कस्टमर्स का ट्रांजेक्शन और महंगे डेटा प्लान पर स्विच करने जैसी वजहें शामिल हैं. हालांकि, फिलहाल इस मामले में टेलीकॉम कंपनियों की ओर से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है.
निवेश पर कम रिटर्न की भरपाई का प्रयास
बैंक ऑफ अमेरिका के मुताबिक, भारतीय टेलीकॉम कंपनियों ने 5G स्पेक्ट्रम पर बड़ा अमाउंट खर्च किया है. इसके अनुपात में ROCE (रिटर्न ऑफ कैपिटल एम्पलॉयड) यानी खर्च के अनुपात में कमाई, काफी कम है. अनलिमिटेड प्लान की वजह से भी कंपनियों की आय अब तक कम रही है.
अगर कंपनियां अपने रिचार्ज शुल्क में 17 फीसदी की बढ़ोतरी करती हैं तो इसका मतलब यह है कि अगर आप आज की डेट में कोई प्लान 300 रुपये का कराते हैं तो रिचार्ज शुल्क में बढ़ोतरी के बाद आपको इसी प्लान के लिए 351 रुपये देने होंगे. कंपनियों के इस फैसले से यूजर्स की जेब पर एक्स्ट्रा बोझ पड़ने वाला है.
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